मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में नहीं पहुंचे पांच अधिकारी; अब कटेगा वेतन, होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में समीक्षा बैठक की. बैठक में पांच अधिकारियों की अनुपस्थिति दर्ज की गई. इनमें बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य भी शामिल हैं. वहीं, अब इन पांचों पर कड़ा एक्शन लिया गया है. इन सभी का वेतन रोकने का आदेश जारी किया गया है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के अपने दो दिवसीय दौरे पर हैं. उन्होंने रविवार को गोरखपुर में विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. यह बैठक जिले के एनेक्सी भवन में आयोजित हुई. बैठक में सीएम योगी ने शहर में मेडिकल माफिया पर नकेल कसने के निर्देश दिए. वहीं, बैठक में पांच अधिकारी नहीं पहुंचे, जिनपर कड़ा एक्शन हुआ है.
सीएम योगी की समीक्षा बैठक में एक मेडिकल कॉलेज प्राचार्य सहित 5 अधिकारी अनुपस्थित थे. मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने अब इन पांच अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है. इन पांचों अधिकारियों को बैठक में शामिल नहीं होने और लापरवाही के लिए एक दिन का वेतन रोकने का आदेश जारी हुआ है. साथ ही इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की भी तैयारी है.
इन पांच आधिकारियों पर हुआ एक्शन
मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने जिन धिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है उनमें सीएंडडीएस यूनिट 14, 19 और 42 (तीनों यूनिट) के परियोजना प्रबंधकगण, उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ (UPRNSS)-प्रथम के अधिशासी अभियंता और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य शामिल हैं. इन पांचों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को भी पत्र लिखा गया है.
शहर में मेडिकल माफिया पनपने न पाए- CM
सीएम योगी ने समीक्षा बैठक में हर विकास परियोजना को तय समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए. साथ ही लापरवाही बरतने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. सीएम योगी ने कहा कि विकास कार्यों से गोरखपुर को लेकर पूरे देश में एक मजबूत सकारात्मक धारणा बनी है. इसलिए इन विकास कार्यों में किसी भी तरह का व्यवधान नहीं आना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने गोरखपुर सहित पूरे प्रदेश में माफियाराज को ध्वस्त कर दिया है. लेकिन मेडिकल पेशे में कभी-कभी बिचौलियों के खेल की शिकायतें आती हैं. उन्होंने संबंधित अधिकारियों से इसपर सख्ती रखने के निर्देश दिए. साथ ही कड़े शब्दों में कहा कि इनपर ऐसी कार्रवाई की जाए जिससे मेडिकल फील्ड में कोई माफिया पनपने न पाए.