गोरखपुर: CM सिटी में टोमैटो फ्लू की दहशत, डॉक्‍टर भी हैं परेशान, जारी किया अलर्ट; जानें क्‍या करें क्‍या ना करें

गोरखपुर में टोमैटो फीवर के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. खोराबार इलाके से अब तक 12 बच्चे संक्रमित मिले हैं. यह बीमारी पांच साल तक के बच्चों को प्रभावित कर रही है. गाव में हेल्थ कैंप लगाया जा रहा है. बाल रोग विशेषज्ञ ने कहा- घबराने की जरूरत नहीं, यह जानलेवा नहीं है.

गौरखपुर में टोमैटो फ्लू का खौफ (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर में बच्चों के बीच टोमैटो फीवर की दस्तक ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है. यह बीमारी नवजात शिशु से लेकर 5 साल तक के बच्चों में देखने को मिल रही है. खोराबार इलाके से टोमैटो फ्लू के अब तक 12 मामले सामने आए हैं. तेजी से संक्रमण फैलने से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है. कई टीमें गांव में हेल्थ कैंप लगाकर मरीजों का इलाज कर रही है.

खोराबार के कुई बाजार में सोमवार को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के सिनियर अधिकारी भी पहुंचे. जहां टोमैटो फ्लू से संक्रमित बच्चों की जांच की गई और लक्षण के हिसाब से दवाईयां दी. इससे पहले शनिवार को आरबीएसके की टीम गांव में पहुंच कर नमूने लिए थे और जांच के लिए भेजे थे. शुरुआती लक्षण चिकनपॉक्स जैसा है. इसमें पीड़ित बच्चों के बच्चों के शरीर पर टमाटर जैसे दाने और निकल आते हैं.

यह जानलेवा बीमारी नहीं है- बाल रोग विशेषज्ञ

जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव कुमार गणेश ने जानकारी दी कि इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों में शिशुओं के शरीर पर छोटे-छोटे चेचक जैसे दाग-धब्बे नजर आते हैं, जो लाल रंग के होते हैं, धीरे-धीरे ये दाग फफोलों का रूप ले लेते हैं, लाल दाग टमाटर जैसे दिखाई देने के कारण इसे टोमैटो फीवर नाम दिया गया है. यह एक प्रकार का फ्लू है जो शिशुओं को ही चपेट में ले रहा है.

उन्होंने बताया कि 5 साल तक के शिशुओं में प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होता है इसलिए यह फ्लू उनको आसानी से चपेट में ले लेता है. यह जानलेवा नहीं है, यह एक बहुत ही सामान्य बीमारी है. यह खुद पांच दिनों के अंदर खत्म हो जाता है. लक्षण के आधार पर दवा दी जाती है. इस दौरान बच्चों का विशेष ध्यान रखने और कुछ नियमों का पालन करना भी बेहद आवश्यक है.

लक्षण दिखने पर चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गणेश ने बताया कि इसमें घबराने जैसी को बात नहीं है. शुरुआती लक्षण दिखने पर माता-पिता को तुरंत चिकित्सक से तुरंत संपर्क करना चाहिए. ताकी बीमारी के लक्षण के आधार पर सही दवा दी सके. चूंकि यह एक वायरल है, परिवार को पीड़ित बच्चों से दूर रहने की भी सलाह है. यह संक्रमण तेजी से फैलता है. संपर्क में आने से दूसरे बच्चों को भी यह बीमारी हो सकती है.