75 का दूल्हा 35 की दुल्हन, मना रहे थे सुहागरात; तभी हुआ कुछ ऐसा कि… हो गई मौत
जौनपुर में एक 75 वर्षीय बुजुर्ग ने 35 वर्षीय युवती से कोर्ट मैरिज की, लेकिन शादी की रात ही उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. दुल्हन ने बताया कि दूल्हे ने अपनी सारी संपत्ति युवती के नाम करने का वादा किया था. परिवार ने इस शादी का विरोध किया था, लेकिन उन्होंने सबको नजरअंदाज कर यह शादी रचाई थी.
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक 75 वर्षीय बुजुर्ग ने 35 वर्षीय युवती के साथ कोर्ट में शादी रचाई. दूल्हा और दुल्हन दोनों की ही दूसरी शादी थी. इसके बाद दूल्हा दुल्हन दोनों सुहागरात मना रहे थे. तभी कुछ ऐसा हुआ कि संदिग्ध परिस्थिति में बुजुर्ग दूल्हे की मौत हो गई. बेहद हैरान करने वाली यह घटना गौरा बादशाहपुर थाना क्षेत्र के कुछमुछ गांव की है. सूचना मिलने पर संदेह जताते हुए बुजुर्ग दूल्हे के भतीजों ने शव का अंतिम संस्कार रुकवा दिया है.
जानकारी के मुताबिक कुछमुछ गांव की दलित बस्ती में रहने वाले 75 वर्षीय संगरू राम की पत्नी का देहांत करीब एक साल पहले हो गया था. संगरू की कोई संतान नहीं है. ऐसे में उन्हें अकेलापन मुश्किल हो गया तो उन्होंने बची हुई जिंदगी के लिए एक हमसफर की तलाश की और 35 वर्षीय युवती मनभावती से कोर्ट में शादी रचा ली. तीन बच्चों की मां मनभावती ने बताया कि संगरू ने शादी से पहले वादा किया था कि वह अपनी सारी जमीन जायदाद उसके नाम कर देंगे.
परिवार के विरोध के बाद भी की शादी
मनभावती के मुताबिक संगरू ने उसके बच्चों के नाम भी एक-एक लाख रुपये फिक्स करने का वादा किया था. उनकी बात पर भरोसा कर उसने शादी तो कर ली, लेकिन अगले ही दिन उनकी मौत हो गई. संगरू के छोटे भाई मंगरूराम के मुताबिक उनकी पत्नी की मौत के बाद से ही शादी की जिद पर अड़े थे. हालांकि पूरे परिवार ने उन्हें समझाने का खूब प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने. यहां तक कि उनके भतीजों ने भी उन्हें दिल्ली आकर रहने को कहा था. वृद्धावस्था में दूसरी शादी करने वाले संगरू को शायद ये नहीं पता था कि ये खुशी उसकी जिन्दगी की आखिरी खुशी साबित होगी.
जानें हुआ क्या था
मनभावती के मुताबिक सोमवार को शादी के बाद दोनों घर आए. यहां उनकी खूब बातें हुईं और रात में खाना खाने के बाद दो बच्चों को लेकर संगरू बाहर लेट गए. वहीं वह खुद बेटी के साथ घर के अंदर सोई थी. मंगलवार की सुबह जब वह संगरू को जगाने पहुंची तो वह मरे पड़े थे. कहा कि उनकी तबीयत पहले से बिलकुल ठीक थी. मनभावती ने आजाद नामक युवक को फोन करके डॉक्टर बुलाने के लिए कहा.
रुकवाया अंतिम संस्कार
डॉक्टर के आने पर संगरू को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. अस्पताल से लौटने के बाद संगरू के अंतिम संस्कार के लिए शव ले जाया जा रहा था. इतने में सूचना छोटे भाई मंगरू के बेटों को मिली. उन्होंने तुरंत फोनकर अंतिम संस्कार रोकने को कहा. बताया कि वह दिल्ली से लौट रहे हैं. आने के बाद ही अंतिम संस्कार कराया जाएगा. इस घटना को लेकर गांव में तरह तरह की चर्चा शुरू हो गई है.