अखिलेश दुबे का करीबी सीओ ऋषिकांत शुक्ला सस्पेंड, 10 सालों में इस तरह बना ली थी 100 करोड़ की संपत्ति

अखिलेश दुबे के करीबी सर्किल ऑफिसर (सीओ) ऋषिकांत शुक्ला को 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मामले में सस्पेंड कर दिया गया. अब विजिलेंस टीम अब शुक्ला के बैंक खातों, निवेश और बेनामी संपत्तियों की गहराई से छानबीन कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही गिरफ्तारी और संपत्ति कुर्की की कार्रवाई हो सकती है.

अखिलेश दुबे का करीबी सीओ ऋषिकांत शुक्ला

उत्तर प्रदेश पुलिस में हड़कंप मच गया है. भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपी वकील अखिलेश दुबे के करीबी माने जाने वाले सर्किल ऑफिसर (सीओ) ऋषिकांत शुक्ला को 100 करोड़ रुपये से अधिक की अकूत संपत्ति अर्जित करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. विजिलेंस विभाग ने उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है, जबकि एसआईटी की रिपोर्ट में फर्जी मुकदमों के जरिए लोगों को फंसाकर संपत्ति हड़पने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है.

ऋषिकांत शुक्ला वर्तमान में मैनपुरी के भोगांव क्षेत्र में तैनात थे, लेकिन उनका असली ‘खेल’ कानपुर नगर में चलता रहा. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, वे 1998 से 2006 तक और फिर दिसंबर 2006 से 2009 तक कानपुर में पोस्टेड रहे. कुल मिलाकर करीब 10 साल से ज्यादा समय उन्होंने यहां बिताया. इसी दौरान अखिलेश दुबे गिरोह के साथ मिलकर उन्होंने कथित तौर पर फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए, लोगों को जेल भिजवाया और उनकी संपत्तियों पर कब्जा जमाया.

कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की जांच में चौंकाने वाले खुलासे

कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की जांच में सामने आया कि दुबे गिरोह में पुलिस, केडीए (कानपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी) और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल थे. यह गठजोड़ वसूली, कब्जे और ब्लैकमेलिंग का धंधा चलाता था. ऋषिकांत शुक्ला अखिलेश दुबे के इतने करीबी थे कि उनके परिजनों की प्रॉपर्टी में भी इनकी हिस्सेदारी पाई गई.

92 करोड़ की संपत्ति जब्त, तीन और प्रॉपर्टी पर संदेह

एसआईटी की गहन जांच में ऋषिकांत शुक्ला और उनके परिवार, साथियों व साझेदारों के नाम पर करीब 100 करोड़ की संपत्ति का पता चला. इसमें 12 अलग-अलग स्थानों पर 92 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति की पुष्टि हुई है. तीन अन्य प्रॉपर्टी के दस्तावेज तो उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन गोपनीय सूत्रों के अनुसार ये भी शुक्ला के पैन कार्ड से लिंक्ड हैं.

निर्दोष लोगों को फंसाकर हड़पी गई हैं संपत्तियां

खास बात यह कि कानपुर के आर्यनगर इलाके में 11 दुकानें उनके पड़ोसी और साथी देवेंद्र दुबे के नाम पर दर्ज हैं, जो कथित तौर पर ऋषिकांत की बेनामी संपत्ति हैं. जांच अधिकारियों का कहना है कि ये संपत्तियां फर्जी मुकदमों से अर्जित की गईं, जिसमें निर्दोष लोगों को फंसाकर उनकी जमीन-जायदाद हथिया ली गई.

ऋषिकांत शुक्ला की होगी कुर्की

सोमवार को उत्तर प्रदेश शासन ने प्रमुख सचिव (सतर्कता विभाग) के माध्यम से कार्रवाई की. कानपुर पुलिस कमिश्नर ने 10 और 15 सितंबर को अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशासन) को जांच रिपोर्ट सौंपी थी. इसी आधार पर 18 सितंबर को यह मामला शासन तक पहुंचा. रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि ऋषिकांत की कानपुर तैनाती के दौरान की गई गड़बड़ियां अब उनके गले की फांस बन गई हैं.विजिलेंस टीम अब शुक्ला के बैंक खातों, निवेश और बेनामी संपत्तियों की गहराई से छानबीन कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही गिरफ्तारी और संपत्ति कुर्की की कार्रवाई हो सकती है.