दोस्त ने ही दोस्त को सऊदी में बेचा, बाइक बेचकर जुटाए थे डेढ़ लाख रुपये

उत्तर प्रदेश के कानपुर के आरिफ़ अंसारी को सऊदी अरब में नौकरी का झांसा देकर उसके दोस्त दिलशाद और शाहरुख ने 1.5 लाख रुपये लेकर भेजा. वहां उसे 19 दिन तक बंधक बनाकर प्रताड़ित किया गया, भूखा-प्यासा रखा गया और जबरन काम कराया गया. किसी तरह बचकर वह भारत लौटा और नौबस्ता थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने शाहरुख और अयाज समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है.

दोस्त ने दोस्त को सऊदी अरब में बेच दिया Image Credit:

उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां विदेश में नौकरी और मोटी कमाई का सपना दिखाकर अपने ही दोस्त को ठग लिया. एक दोस्त ने कानपुर के एक युवक को सऊदी अरब भेज दिया जहां उसको बंधक बना लिया गया. वहां 19 दिनों तक उसे भूखा-प्यासा रखकर जबरन काम कराया गया और तरह-तरह की यातनाएं दी गईं. किसी तरह जान बचाकर वो वहां से भागा और फिर पीड़ित एंबेसी पहुंचा. इसके बाद वो फिर भारत वापस लौटा. कानपुर आने के बाद युवक ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की, जिसके बाद नौबस्ता थाने में केस दर्ज किया गया है.

नौबस्ता आवास विकास के रहने वाले आरिफ अंसारी मजदूरी कर परिवार का खर्च उठाता था. पिता आलमगीर और मां की तबीयत खराब रहने के कारण उस पर घर की जिम्मेदारी थी. इस बीच दोस्त दिलशाद ने उसकी मुलाकात रनियां के रहने वाले शाहरुख से कराई. शाहरुख ने विदेश में नौकरी और मोटी आमदनी का लालच देकर आरिफ को बाहर भेजने का भरोसा दिलाया.

बाइक बेचकर जुटाया था पैसा

आरिफ ने विदेश जाने के लिए अपनी बाइक बेचकर पैसा जुटाया. आरोप है कि शाहरुख ने उससे 1.50 लाख रुपए लिए और फतेहपुर के छुरी गांव के रहने वाले अयाज से संपर्क कराया. अयाज ने पासपोर्ट की कॉपी और 50 हजार रुपए और मांगे. कहा गया कि 15-20 दिन में सारी औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी. तय समय पर आरिफ मुंबई पहुंचा तो अयाज ने उससे पैसे लेकर कुछ कागजों पर हस्ताक्षर कराए और भरोसा दिलाया कि सऊदी अरब पहुंचते ही उसे वहां की करेंसी मिल जाएगी.

19 दिनों तक भूखा रखकर जबरदस्ती कराया काम

अप्रैल में आरिफ सऊदी अरब पहुंचा. वहां एक एजेंट उसे लेकर रेगिस्तान में बने एक तंबू पर छोड़ गया. कुछ देर बाद एक शेख आया, जिसने आरिफ का मोबाइल तोड़ दिया और उसे बंधक बना लिया. इसके बाद उस पर अमानवीय व्यवहार किया जाने लगा. आरिफ को 19 दिनों तक भूखा-प्यासा रखा गया और जबरन काम कराया गया.

विरोध करने पर उसे प्रताड़ित किया गया. आरिफ ने किसी तरह हिम्मत जुटाकर वहां से भागने का रास्ता निकाला. शेख की नजर बचाकर वह वहां से निकल सका और भारतीय दूतावास पहुंचा. एंबेसी अधिकारियों की मदद से उसने घरवालों से संपर्क साधा और भारत वापस लौटने की प्रक्रिया पूरी की.

आरिफ 30 जुलाई को कानपुर वापस आया. इसके बाद उसने पुलिस कमिश्नर को पूरी आपबीती सुनाई. मामले की गंभीरता को देखते हुए नौबस्ता थाने में शाहरुख, अयाज और दूसरे आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस अब गिरोह के दूसरे सदस्यों की तलाश में जुटी है.