बिना जांच के पता चल जाएगी फेफड़ों की सेहत, IIT कानपुर के ‘नोड्स’ का है ये कमाल
वायु प्रदूषण की वजह से फेफड़ों से जुड़ी हुई बहुत सी बीमारियां लोगों को परेशानी का कारण बन रही हैं. ये बीमारियां उन लोगों के लिए भी परेशानी का कारण हैं, जिनकी धूम्रपान जैसी भी आदतें नहीं हैं.

वायु प्रदूषण के लगातार बढ़ते प्रभाव के कारण फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां आजकल आम समस्या बनती जा रही हैं. इस प्रदूषण की वजह से जो लोग ध्रूमपान जैसी आदतों के शिकार नहीं है वो भी फेफड़ों की बीमारी का शिकार हो रहे है. इस चुनौतीपूर्ण समस्या का समाधान करते हुए आईआईटी कानपुर के इनक्यूबेटर स्टार्टअप, वेदांत्रिक कंपनी ने एक अत्याधुनिक डिवाइस विकसित किया है, जो फेफड़ों की स्थिति की जांच को सरल, तेज और सुलभ बना देगा. सबसे बड़ी बात इसके इस्तेमाल के बाद फेफड़ों के लिए जांच करवाने की जरूरत खत्म हो जाएगी. गांव के लिए तो यह खासकर कारगर साबित होगा.
कंपनी के सह-संस्थापक परीक्षित हुड्डा के अनुसार, नए डिवाइस का नाम ‘नोड्स’ रखा गया है. यह डिवाइस पारंपरिक अस्पतालों में किए जाने वाले टीएफटी (ट्रांसथोरेकल फंक्शनल टेस्ट) और पीएफटी (पल्मोनरी फंक्शनल टेस्ट) की जगह लेने में सक्षम है. पारंपरिक जांच प्रक्रिया में समय लगता है और मरीज को विभिन्न मशीनों व प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था, जबकि नोड्स डिवाइस कुछ सरल स्टेप्स द्वारा चंद मिनटों में फेफड़ों की कार्यक्षमता, खामी और समस्या का विवरण प्रस्तुत करता है.
इस्तेमाल करना होगा आसान
परीक्षित हुड्डा ने बताया कि इस डिवाइस की सबसे बड़ी खासियत इसका उपयोग करने में आसान होना है. मरीज केवल निर्देशित प्रक्रिया का पालन करेंगे और टेस्ट के परिणाम तुरंत उनके मोबाइल या कंप्यूटर पर उपलब्ध हो जाएंगे. इससे डॉक्टर को भी परीक्षण रिपोर्ट भेजना बेहद आसान और तुरंत हो जाएगा.
इसके अलावा, नोड्स डिवाइस केवल परीक्षण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि मरीज को फेफड़ों की सेहत सुधारने हेतु एक्सरसाइज और नेबुलाइजेशन की सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगा. इससे अस्थमा, सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज), एलर्जी और अन्य सांस से संबंधित रोगों का समय पर पता लगाना और उपचार करना संभव हो सकेगा.
दूर गांव के इलाकों तक पहुंचेगी ये सुविधा
वेदांत्रिक कंपनी का यह नवाचार विशेष रूप से गांव के इलाकों और स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित दूरस्थ इलाकों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा. कंपनी का दावा है कि आने वाले महीनों में इस डिवाइस का उपयोग देश भर के स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा, जिससे स्वास्थ्य जांच अब घर बैठे भी संभव हो सकेगी.
मेडिकल विशेषज्ञों का मानना है कि नोड्स डिवाइस स्वास्थ्य क्षेत्र में तकनीकी क्रांति साबित होगा. यह न केवल समय और पैसा बचाएगा, बल्कि रोग की शुरुआती अवस्था में पहचान करके मरीजों को गंभीर जटिलताओं से बचाने में भी सहायता करेगा. वेदांत्रिक कंपनी इस पहल से देश के स्वास्थ्य ढांचे में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रही है. आने वाले समय में इस तकनीक के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं ज्यादा जन-सुलभ और प्रभावी बनने की उम्मीद जताई जा रही है.