यूपी पुलिस के मददगार बने अवारा कुत्ते, बाइक चोर गैंग को ऐसे पकड़वाया

आपने पुलिस के खुफिया मददगारों के बारे में तो काफी बार सुना होगा. इन्हीं के जरिए अक्सर पुलिस को अपराधियों का पता लगाने में आसानी होती है. लेकिन लखनऊ के एक बाइक चोर गैंग तक पहुंचने में पुलिस की मदद की यहां के आवारा कुत्तों ने. तो आखिर ये कमाल कैसे हुआ, जिसकी वजह से एक बड़े गैंग का पर्दाफाश हुआ, आपको बताते हैं.

बाइक चोरी कर रहे गिरोह को पकड़वाया

लखनऊ के एक बाइक चोर गैंग का पता लगाने और उन्हें पकड़वाने की कहानी में सबसे अहम भूमिका है यहां के आवारा कुत्तों की. ये कहानी जिसे भी पता चली, उसे यकीन नहीं हो पा रहा है कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है. लेकिन असल बात यही हैं कि इस कहानी के असली नायक हैं आवारा कुत्ते.

लखनऊ में इन कुत्तों ने सालभर से अधिक वक्त से एक्टिव वाहन चोरों के गिरोह को न केवल पकड़वाया बल्कि इसके बाद 40 से अधिक चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद की गईं.

कुत्तों ने ऐसे पकड़वाया

हुआ ये कि लखनऊ पुलिस को पिछले सालभर से बाइक चोरी की धड़ाधड़ शिकायतें मिल रही थीं. ये काम एक गैंग धड़ल्ले से कर रहा था और पुलिस की मुश्किलें बढ़ती जा रही थीं. रविवार को कुड़िया घाट के पास ये गैंग पहली बार पुलिस की नजर में आया. जब इन शातिरों का पीछा किया गया तो आरोपी एक चोरी की बाइक पर सवार हुए और बाइक की स्पीड बढ़ा दी.

लेकिन तभी वहां सड़क पर मौजूद आवारा कुत्तों ने इन चोरों को दौड़ा लिया. कुत्तों से बचने के लिए वे लोग एक गली में घुस गए. लेकिन गली आगे से बंद थी. फिर क्या था पुलिस ने आरोपियों को दबोच लिया. इस तरह ये आवारा कुत्ते पुलिस के लिए सबसे मददगार साबित हुए, जिसके चलते वो चोरों को पकड़ पाने में कामयाम रही. इस घटना की खूब चर्चा हो रही है.

चोरों ने ये बताया

पुलिस ने इस गैंग के 3 सदस्यों को अरेस्ट करते हुए जब उनसे कड़ाई से पूछताछ की तो चोरी की गईं 40 मोटरसाइकिलें बरामद हुई. पूछताछ में इस बाीत का भी पता चला कि ये गैंग रेगुलर बेसिस पर पड़ोसी जिले सीतापुर से लखनऊ आता था और यहां के चौक, ठाकुरगंज, हुसैनाबाद और घंटाघर जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में बाइक चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था. ये भी पता चला है कि इन बाइकों को लखीमपुर में बेच दिया जाता था. फिलहाल पुलिस पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है.