RML अस्पताल में इलाज कराने में आ रही है दिक्कत तो यह QR कोड करेगा समाधान
लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मरीजों की शिकायतों का तुरंत निपटारा किया जाएगा. इसके लिए एक नई पहल शुरू की गई है QR कोड के जरिए इसकी शिकायत दर्ज कराई जा सकेगी. 24 घंटे सक्रिय कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की ओर से आधे घंटे में मरीजों की दिक्कतों को दूर करने की कोशिश की जाएगी. जैसे कि बेड न मिलना, जांच में देरी आदि.

लखनऊ में डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अब मरीजों की मुश्किलें कम हो सकेंगी. क्योंकि अब उनकी शिकायतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकेगा. खासतौर पर वहां काम करने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए ऐसा करना मुश्किल होगा. यहां पर मरीजों की सुविधा के लिए एक नई पहल शुरू की गई है, जिसके तहत QR कोड के जरिए शिकायतें दर्ज की जा सकेंगी.
इन शिकायतों के निपटारे के लिए एक ‘कमांड एंड कंट्रोल सेंटर’ बनाया गया है. ये कमांड एंड कंट्रोल सेंटर 24 घंटे एक्टिव रहेगा. इसकी कोशिश होगी कि ये आधे घंटे के भीतर ही समस्याओं का निपटारा कर सके. लोहिया संस्थान में करीब 1000 बेड हैं, जो ज्यादातर समय भरे रहते हैं.
अब इन समस्याओं का जल्दी हो सकेगा निपटारा
मरीजों को अक्सर बेड पर दवाइयां न मिलने, खून की जांच में देरी, साफ-सफाई की कमी, पीने के पानी की समस्या, भर्ती प्रक्रिया और फीस जमा करने में दिक्कत जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के नियमित राउंड न करने की शिकायतें भी सामने आती हैं. QR कोड के जरिए ये प्रक्रिया आसान हो सकेगी.
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. विक्रम सिंह सिंह ने बताया कि मरीजों की सुविधा के लिए इमरजेंसी सहित सभी वार्डों में QR कोड लगाए गए हैं. मरीज या तीमारदार अपने मोबाइल से QR कोड स्कैन कर गूगल फॉर्म पर मौजूद शिकायतों के प्रकार चुनकर अपनी समस्या दर्ज करा सकेंगे. शिकायत दर्ज होने के आधे घंटे के भीतर कमांड सेंटर उसका संज्ञान लेकर समाधान का प्रयास करेगा. सीएमएस और चिकित्सा अधीक्षक रोजाना शिकायतों के निपटारे की समीक्षा करेंगे. और किसी मामले को लेकर बार-बार शिकायत की जा रही है तो उसके लिए सख्त कार्रवाई की जा सकेगी.
समस्याओं का पता लगाया जाएगा
संस्थान के प्रवक्ता डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी ने बताया कि यदि किसी एक मुद्दे पर बार-बार शिकायतें मिलती हैं, तो जिम्मेदार को लोगों को चुना जाएगा. व्यवस्था में सुधार के लिए समस्याओं का पता लगाया जाएगा और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
यह नई व्यवस्था मरीजों के लिए राहतकारी साबित हो सकती है, जो लंबे समय से संस्थान में सुविधाओं की कमी और लापरवाही की शिकायत करते रहे हैं. कमांड सेंटर के जरिए तुरंत कार्रवाई से न केवल मरीजों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि संस्थान की कार्यप्रणाली में भी सुधार की उम्मीद है.



