बिना नक्शा पास कराए 150 बीघे में 2000 लोगों को बेच दिए प्लॉट, अब मारे-मारे घूम रहे हैं खरीदार

लखनऊ में प्रॉपर्टी डीलरों ने अवैध प्लॉटिंग से मोटा मुनाफा कमाया है. इनलोगों ने 17 बीघे का नक्शा पास कराकर 150 बीघे में तकरीबन 2000 लोगों को गुमराह कर प्लॉट बेचे हैं. अब इस मामले पर जिला पंचायत कार्यालय ने निबंधन विभाग से पूरी रजिस्ट्री की जानकारी मांगी है ताकि स्वीकृत नक्शे और बेची गई जमीन का मिलान किया जा सके.

लखनऊ में अवैध प्लॉटिंग का खुलासा

राजधानी लखनऊ में प्रॉपर्टी डीलरों की मनमानी ने हजारों खरीदारों का सिरदर्द बढ़ा दिया है. जिला पंचायत कार्यालय की जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ डेवलपर्स ने कम जमीन का नक्शा पास कराकर सैकड़ों बीघे में अवैध प्लाटिंग कर डाली. मोहनलालगंज तहसील में एक प्रॉपर्टी डीलर ने केवल 17 बीघे का नक्शा पास कराकर डेढ़ सौ बीघे जमीन में 2000 से अधिक लोगों को प्लॉट बेच दिए. अब जिला पंचायत कार्यालय ऐसे डीलरों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है.

नक्शे से कई गुना ज्यादा जमीन बेची

निबंधन विभाग की एक रिपोर्ट ने प्रॉपर्टी डीलरों के काले कारनामों को उजागर किया है. मोहनलालगंज में एक डीलर ने महज 17 बीघे जमीन का नक्शा पास कराकर डेढ़ सौ बीघे में रजिस्ट्रियां कर डालीं. इससे 2000 से अधिक खरीदारों को अवैध प्लॉट बेचे गए. ऐसे कई डीलरों की कुंडली खंगाली जा रही है, जिन्होंने लोगों को गुमराह कर मोटा मुनाफा कमाया. जिला पंचायत कार्यालय ने निबंधन विभाग से पूरी रजिस्ट्री की जानकारी मांगी है ताकि स्वीकृत नक्शे और बेची गई जमीन का मिलान किया जा सके.

जारी होंगे नोटिस, होगी सख्त कार्रवाई

जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी प्रणव पांडेय ने बताया कि अवैध प्लाटिंग करने वाले डीलरों की पहचान की जा रही है. कुछ डीलरों की रिपोर्ट मिल चुकी है, और जल्द ही पूरी जानकारी जुटाने के बाद स्वीकृत नक्शे और बेची गई जमीन के अंतर के आधार पर नोटिस जारी किए जाएंगे. उन्होंने लोगों से अपील की है कि जमीन खरीदने से पहले जिला पंचायत कार्यालय से नक्शे की पुष्टि जरूर करें. सौ से अधिक डीलरों को पहले ही नोटिस जारी हो चुके हैं.

मोहनलालगंज, सरोजनीनगर और बीकेटी में सबसे ज्यादा शिकायतें

जांच में सामने आया है कि मोहनलालगंज के अलावा सरोजनीनगर और बख्शी का तालाब (बीकेटी) तहसीलों में अवैध प्लाटिंग की शिकायतें सबसे ज्यादा हैं. जिला पंचायत के पास 477 गांवों में नक्शा पास करने का अधिकार है, जबकि 197 गांव लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की महायोजना में शामिल हैं. शेष गांव यूपीसीडा के अधीन हैं.

खरीदारों की बढ़ी मुश्किलें

अवैध प्लाटिंग के कारण हजारों खरीदारों का पैसा डूबने का खतरा मंडरा रहा है. कई लोगों ने जीवनभर की कमाई लगाकर प्लॉट खरीदे, लेकिन अब उनके दस्तावेज अवैध होने की आशंका है. खरीदारों का कहना है कि डीलरों ने भरोसा दिलाकर रजिस्ट्री की, लेकिन अब नक्शे की सच्चाई सामने आने पर वे ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. जिला पंचायत कार्यालय ने जांच तेज कर दी. अब प्रशासन ने डीलरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है.