11KM, 12 स्टेशन… लखनऊ को मिलेगी नई मेट्रो लाइन, जानिए कहां से कहां तक चलेगी

लखनऊ मेट्रो के फेज-1B को मंजूरी मिल गई है. 5,801 करोड़ रुपये वाले इस प्रजेक्ट के तहत राजधानी में 11.165 किलोमीटर लंबी लाइन का विस्तार होगा. इस अप्रूवल के बाद किन इलाकों में मेट्रो की कनेक्टिविटी बढ़ने वाली है, आपको बताते हैं.

लखनऊ को मिलेगी नई मेट्रो लाइन Image Credit:

लखनऊ मेट्रो के विस्तार को अब हरी झंडी मिल गई है. इस प्रोजेक्ट के तहत फेज-1B में 5801 करोड़ रुपये की लागत से करीब 11 KM की नई लाइन का विस्तार किया जाएगा. पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश में लखनऊ मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के फेज-1B को मंजूरी दी. इसमें 7 अंडरग्रउंड और 5 एलिवेटेड स्‍टेशनों सहित कुल 12 नए स्टेशन बनाए जाएंगे. नए फेज के चालू होने के बाद लखनऊ में 34 किलोमीटर का मेट्रो रेल नेटवर्क संचा‍लित होगा.

विकास को मिलेगा बढ़ावा

सरकार के इस कदम को लखनऊ के यातायात ढांचे के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है. इसके चलते न केवल शहर में मेट्रो नेटवर्क के विस्तार होगा बल्कि कई इलाकों की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी. नई मेट्रो लाइनों के बनने से शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी आवाजाही में सहूलियत होगी. कनेक्टिविटी के अभाव के चलते इन इलाकों में रहने वाले लोगों को यातायात के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है. मेट्रो के इस फेज के शुरू होने के बाद इन लोगों को काफी राहत मिलने वाली है.

इन इलाकों में दौड़ेगी मेट्रो

इस फेज के तहत 12 नए स्टेशनों के जरिए जिन इलाकों को जोड़ा जाएगा, उनमें अमीनाबाद, यहियागंज, पांडेयगंज और चौक जैसे व्यावसायिक केंद्र सहित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (मेडिकल कॉलेज), टूरिस्ट स्पॉट, जिनमें बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, भूल-भुलैया, घंटाघर और रूमी दरवाज़ा शामिल हैं.

इसके अलावा शहर की समृद्ध और ऐतिहासिक विरासत वाले स्थलों को भी जोड़ने की तैयारी है. इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों को मेट्रो नेटवर्क से जोड़कर आर्थिक गतिविधियों के साथ- साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. इसके चलते यहां टूरिस्टों को भी काफी आसानी होने वाली है.

पर्यावरण प्रदूषण में आएगी कमी

लखनऊ मेट्रो के नए फेज के चालू हो जाने से यहां न केवल यातायात भीड़भाड़ में भारी कमी देखने को मिलेगी बल्कि यात्रा के समय में भी कमी आएगी. इसके अलावा राजधानी में वाहनों द्वारा लगातार बढ़ते प्रदूषण से भी निपटने में आसानी होगी. जोकि पर्यावरण के लिहाज से काफी अहम है.