क्या UP में बेअसर हो रही मिशन शक्ति? महिला एवं बाल अपराध में लखनऊ टॉप पर, चौंका देगी NCRB की ये रिपोर्ट
एनसीआरबी की ताजी रिपोर्ट चौंकाने वाली है. साल 2023 में हुए अपराध के आंकड़ों के साथ जारी यह रिपोर्ट उत्तर प्रदेश में महिला-बाल सुरक्षा की गंभीर तस्वीर को पेश करती है. योगी सरकार के मिशन शक्ति जैसे कार्यक्रमों के बावजूद, लखनऊ देश में महिला और बाल अपराधों में शीर्ष पर है, जबकि कानपुर दूसरे स्थान पर है. रिपोर्ट सरकारी दावों के विपरीत जमीनी हकीकत को उजागर करती है.

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से मिशन शक्ति अभियान चल रहा है. इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई प्रोग्राम चल रहे हैं. बावजूद इसके उत्तर प्रदेश की महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही. यह बात हम नहीं कर रहे हैं, बल्कि इस बात को खुद सरकारी एजेंसियां कह रही हैं. नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट तो दावा कर रही है कि देश भर में सबसे ज्यादा महिला और बाल अपराध उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हो रहे हैं.
प्रदेश की राजधानी लखनऊ, जहां मुख्यमंत्री कार्यालय है, डीजीपी और प्रमुख सचिव जैसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक केंद्र भी यहीं पर स्थित हैं. बावजूद इसके यहां महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा खतरे में है. यहां महिला एवं बाल अपराधों के ग्राफ ने सुरक्षा व्यवस्था एवं मिशन शक्ति जैसे तमाम अभियानों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में लखनऊ प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में पहले स्थान पर रहा है. यही स्थिति बाल अपराध और गर्भपात के मामले में भी है.
दूसरे स्थान पर रहा कानपुर
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2023 में लखनऊ में महिलाओं से जुड़े 2,902 अपराध दर्ज किए गए. इनमें से 790 मामलों की जांच अभी तक पेंडिंग है. वहीं इसी तरह के 2,200 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कानपुर दूसरे स्थान पर है. यहां पर भी 769 मामलों की जांच अभी तक पेंडिंग है. यह स्थिति उस समय है, जब उत्तर प्रदेश सरकार नारी सुरक्षा का ढोल पीट रही है. प्रदेश में मिशन शक्ति जैसे जागरूकता और निरोधात्मक कार्यक्रम बदस्तूर जारी हैं. एनसीआरबी द्वारा जारी अपराध के आंकड़ों को देखने के बाद यह सभी सरकारी कार्यक्रम कागजी साबित हो रहे हैं.
बाल अपराध में राजधानी सबसे आगे
महिलाओं के साथ-साथ बच्चों के खिलाफ अपराधों में भी लखनऊ की स्थिति गंभीर है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में लखनऊ में बच्चों से जुड़े 844 मामले दर्ज किए गए, जिनमें अपहरण, हत्या और यौन शोषण जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं. इस मामले में भी लखनऊ देश में पहले स्थान पर है. जबकि दूसरे स्थान पर कानपुर (426 मामले) और गाजियाबाद (208 मामले) है. गनीमत है कि साइबर अपराध के मामले में लखनऊ की स्थिति थोड़ी ठीक है. इस तरह के अपराध में बैंगलुरु टॉप पर है. जबकि हैदराबाद दूसरे, दिल्ली तीसरे और लखनऊ चौथे स्थान पर है.
कागजों पर योजनाएं, जमीनी हकीकत अलग
महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं. मिशन शक्ति के तहत जागरूकता कार्यक्रम, करीब 100 पिंक बूथ, डायल 112, महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 और 181, 112 इंडिया ऐप, थानों पर महिला हेल्प डेस्क, मिशन शक्ति केंद्र, चाइल्ड लाइन 1098 और 1076 जैसे टोल-फ्री नंबर उपलब्ध हैं. बावजूद इसके, एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि ये प्रयास अपराधों पर लगाम लगाने में नाकाफी साबित हुए हैं. या फिर ये सभी प्रयास कागजी साबित हुए हैं.