केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह बने राजाओं के अध्यक्ष, जीता अवध बारादरी चुनाव; मिले इतने वोट

लखनऊ में हुए ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन चुनाव में केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने अध्यक्ष पद पर कब्जा किया. उन्होंने बलरामपुर राजपरिवार के जयेंद्र प्रताप सिंह को 130 मतों से हराया है. यह पद कीर्तिवर्धन सिंह के पिता आनंद सिंह के निधन के बाद खाली हुआ था.

कीर्तिवर्धन सिंह ने जीता अवध बारादरी चुनाव Image Credit:

लखनऊ में अवध बारादरी के प्रतिष्ठित चुनाव में केंद्रीय मंत्री और गोंडा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह राजा भैया ने जीत हासिल की है. इस चुनाव में मनकापुर और बलरामपुर के पूर्व राजपरिवार आमने-सामने थे. कीर्तिवर्धन सिंह ने बलरामपुर के राजपरिवार के जयेंद्र प्रताप सिंह को 130 मतों के बड़े अंतर से हरा दिया. केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह के पिता आनंद सिंह के निधन के बाद अध्यक्ष का पद खाली हुआ था.

केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह को मिले 183 वोट

लखनऊ के कैसरबाग स्थित ऐतिहासिक सफेद बारादरी में सुबह 9 बजे से संस्था के अध्यक्ष के लिए मतदान शुरू हुआ. शाम पांच बजे के बाद घोषित नतीजे में कीर्तिवर्धन सिंह को 183 और बलरामपुर राजपरिवार के जयेंद्र प्रताप सिंह को 53 वोट मिले. करीब 165 वर्ष पुराने अंजुमन-ए-हिंद, अवध परिवार (पुराना नाम ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन) के मतदाताओं में कुल 322 पूर्व राजपरिवार और तालुकेदार शामिल हैं.

केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह के पिता 28 वर्षों तक इस संस्था के अध्यक्ष पर रहे थे. अवध बारादरी के वोटरों में योगी सरकार के मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और राज्यसभा सदस्य संजय सेठ भी शामिल हैं. कुल 322 राजा-महाराजाओं और तालुकदारों के वोटों के साथ यह चुनाव न सिर्फ संस्थागत वर्चस्व की लड़ाई रही, बल्कि आधुनिक राजनीति और परंपरा के संगम का भी प्रतीक बन गया.

आनंद सिंह के निधन के बाद से खाली था पद

इसी साल 6 जुलाई को मनकापुर राजपरिवार के मुखिया आनंद सिंह के निधन के बाद से अध्यक्ष का पद रिक्त था. अध्यक्ष पद पर निर्वाचन के लिए पहले आम सहमति की बात उठी, लेकिन निर्विरोध रूप से किसी के नाम पर सहमति नहीं बन सकी. इसके बाद कीर्तिवर्धन सिंह ने नामांकन दाखिल किया था.

165 साल पुरानी इस संस्था का को अंजुमन-ए-हिंद के नाम से भी जाना जाता है. 1860 में स्थापना के समय इसका नाम ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन था. इसमें अवध के 14 जिलों के महाराजा और तालुकेदार शामिल हैं. यह संस्था लखनऊ के प्रतिष्ठित कॉल्विन तालुकेदार कॉलेज की प्रबंध समिति भी तय करती है.