चारबाग होटल पर ATS का छापा, डॉ शाहीन के करीबियों की तलाश; मालदीव-दुबई कनेक्शन उजागर

यूपी ATS ने लखनऊ के चारबाग होटल पर छापा मारकर डॉ. शाहीन के करीबियों की तलाश की. शाहीन के करीबी कुछ दिन पहले इसी होटल में ठहरे थे. जांच में मालदीव और दुबई से संचालित स्लीपर सेल के तार सामने आए हैं. डॉ. शाहीन के भाई परवेज के मालदीव प्रवास पर सवाल उठे हैं.

चारबाग होटल पर ATS का छापा

उत्तर प्रदेश ATS ने शनिवार को लखनऊ के चारबाग इलाके में स्थित एक होटल पर अचानक छापा मारा. यह कार्रवाई आतंकी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार डॉ. शाहीन के करीबियों से जुड़ी हुई है, जो कुछ दिन पहले इसी होटल में ठहरे थे. ATS की टीम ने होटल कर्मचारियों से पूछताछ की, सीसीटीवी फुटेज खंगाले और ठहरने वालों की पहचान पत्रों की जांच शुरू कर दी है.

जांच एजेंसियां अब यह पता लगा रही हैं कि ये लोग कहां से आए थे और कितने दिन रुके थे. सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन ने खुद इन करीबियों के ठहरने का इंतजाम किया था. ATS को शक है कि होटल में रुकने वाले संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. छापे के दौरान होटल के सभी कैमरों की रिकॉर्डिंग जब्त कर ली गई है, ताकि किसी भी संदिग्ध हरकत का पता लगाया जा सके.

लखनऊ में शाहीन-परवेज की मुलाकात

पड़ताल में खुलासा हुआ है कि डॉ. शाहीन ने अपने सभी आधिकारिक दस्तावेजों में भाई परवेज के घर का पता दर्ज कराया है, जबकि उसके पिता सईद का खंदारी बाजार स्थित स्थायी आवास का कोई जिक्र नहीं है. ATS इस रहस्य की तह तक जा रही है कि शाहीन ने ऐसा क्यों किया? इसके अलावा, शाहीन के थाईलैंड जाने की जानकारी भी सामने आई है, जिसे जांच का हिस्सा बनाया गया है.

दो माह पहले लखनऊ पहुंचने पर शाहीन ने परवेज से मुलाकात की थी. इसके बाद दोनों कानपुर गए, लेकिन शाहीन ने अपने बच्चों से मिलने से परहेज किया. ATS अब इस यात्रा के पीछे के कारणों की छानबीन कर रही है. परवेज का पूरा कनेक्शन खंगाला जा रहा है, क्योंकि वह शाहीन का निकटतम रिश्तेदार है.

तीन साल तक मालदीव में रहा था परवेज

इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में रेजिडेंट डॉक्टर परवेज की ड्यूटी चार्ट से ATS को चौंकाने वाली जानकारी मिली है. जुलाई 2021 में जॉइनिंग के बाद पहले वर्ष में परवेज ने ज्यादातर नाइट शिफ्ट की. जांचकर्ताओं को शक है कि दिन के समय वह संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त रहता था. परवेज के घर से बरामद मोबाइल फोन और हार्ड डिस्क को डिकोड करने के लिए ATS केंद्रीय एजेंसियों की मदद ले रही है.

सवाल उठ रहा है कि क्या यह महज संयोग था या कोई सुनियोजित साजिश? इसके अलावा, परवेज तीन साल तक मालदीव में रहा. ATS को आशंका है कि इसी दौरान वह कट्टरपंथी तत्वों के संपर्क में आया. एजेंसियां उसके मालदीव दौरे के उद्देश्य, वहां के करीबियों और संपर्कों की डिटेल जुटा रही हैं.

दुबई में बैठा है सक्रिय स्लीपर सेल का मुखिया

जांच की सबसे बड़ी कड़ी दुबई से जुड़ी है. दुबई में रहने वाले मनोचिकित्सक डॉ. मुजफ्फर राथर पूरे स्लीपर सेल मॉड्यूल को चला रहा था. वह सहारनपुर से गिरफ्तार डॉ. आदिल का बड़ा भाई है और पिछले पांच वर्षों से दुबई में है. सूत्र बताते हैं कि मुजफ्फर के इशारे पर ही डॉक्टरों का यह गिरोह सक्रिय हुआ.

वह यूपी में सक्रिय स्लीपर सेल का मुखिया माना जा रहा है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर रखा है. ATS की यह कार्रवाई आतंकी मॉड्यूल को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. जांच अभी जारी है और जल्द ही और खुलासे होने की संभावना है. क्या यह डॉक्टरों का गिरोह देशव्यापी नेटवर्क का हिस्सा है?