अब आधार वाला नाम खतौनी में भी कराया जा सकेगा दर्ज, UP के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी
उत्तर प्रदेश के 3 करोड़ से अधिक किसानों के लिए खुशखबरी आई है. अब वो आधार कार्ड के अनुसार खतौनी में अपना नाम सही करवा सकेंगे. इससे पीएम किसान निधि, ऋण माफी, फसल बीमा जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में आ रही बाधाएं दूर होंगी. राजस्व परिषद ने ये निर्णय लिया है, जिसकी प्रक्रिया दिसंबर-जनवरी से शुरू होगी. किसान भू-लेख वेबसाइट या जनसेवा केंद्रों से आवेदन कर सकेंगे.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. ये खुशखबरी करीब 3 करोड़ से ज्यादा किसानों के लिए है. अब किसान अपने आधार कार्ड में दर्ज सही नाम को खतौनी में भी दर्ज करवा पाएंगे. नाम में छोटे-मोटे अंतर जैसे राम प्रसाद vs रामप्रसाद, मोहम्मद अली vs मो. अली जैसी परेशानियां अब जल्द ही खत्म होने वाली हैं. राजस्व परिषद ने ये फैसला लिया है कि किसान अब अपने आधार कार्ड वाले नाम के आधार पर खतौनी में संशोधन करवा सकते हैं.
किसानों को नाम में संशोधन करवाने के लिए स्थानीय लेखपाल या राजस्व कर्मचारी की एक रिपोर्ट लगानी होगी. इसमें लिखा होगा कि: “हां, खतौनी वाला व्यक्ति और आधार वाला व्यक्ति एक ही हैं.” सत्यापन के बाद नाम में सुधार किया जाएगा.
इसकी आवश्यकता इसलिए थी क्योंकि PM किसान सम्मान निधि की नई किस्त में 18.90 लाख किसानों के खाते में पैसे नहीं पहुंच पाए थे. इसका कारण था कि उनका नाम खतौनी और आधार में अलग था.
इन सभी दिक्कतों का होगा समाधान
किसान कई योजनाओं का लाभ इसलिए नहीं ले पाते थे क्योंकि उनकी ई-केवाईसी नहीं हुई थी. इस वजह से वे ऋण माफी, गन्ना पर्ची, फसल बीमा, खाद सब्सिडी जैसे लाभ नहीं ले पाते थे. बैंक खाते, आधार और खतौनी में अलग-अलग नाम होने के कारण ट्रांजेक्शन सफल नहीं हो पाते थे. अब इन सभी दिक्कतों का समाधान हो जाएगा.
कब से लाभ लिया जा सकेगा?
राजस्व परिषद के उच्च अधिकारियों के अनुसार, ये पूरी प्रक्रिया और सॉफ्टवेयर अपडेट होने में करीब दो महीने का समय लगेगा. यानी दिसंबर-जनवरी से किसान इसका लाभ ले पाएंगे. इसके लिए उन्हें भू-लेख वेबसाइट या जनसेवा केंद्रों की मदद से आवेदन करना होगा. इसके बाद कई चीजें सिर्फ एक क्लिक पर संभव होंगी, जैसे कि यूपी में किसी किसान के पास कितनी जमीन है, ये एक क्लिक में पता लगाया जा सकेगा.
राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार के अनुसार इस पूरे प्रोसेस का लक्ष्य ये है कि किसान को उसकी मेहनत की कमाई मिले और वह सभी योजनाओं का लाभ ले सके.