5 शहर-5 रणनीति… UP में कैसे आएगा इन्वेस्ट? इन महानगरों में खुलेंगे सैटेलाइट ऑफिस, जानें CM योगी का विजन

उत्तर प्रदेश सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है. सीएम योगी के विजन के तहत, मुंबई, बेंगलुरु समेत 5 प्रमुख शहरों में 'इन्वेस्ट यूपी' सैटेलाइट ऑफिस खुलेंगे. ये कार्यालय उद्योगपतियों को उनके शहर में ही यूपी में निवेश के फायदे बताएंगे, जिससे राज्य में 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को बढ़ावा मिलेगा और विशिष्ट क्षेत्रों में निवेश आकर्षित होगा.

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उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने की दिशा में बड़ी पहल की है. सरकार अब देश के पांच प्रमुख औद्योगिक शहरों में सैटेलाइट ऑफिस खोलने जा रही है. इन ऑफिसों के जरिए सरकार बड़े बड़े उद्योग पतियों को उनके घर जाकर उत्तर प्रदेश में निवेश के फायदे बताएगी. यही नहीं, जो निवेशक उत्तर प्रदेश आने के लिए इच्छुक होंगे, उनके लिए सभी औपचारिकताओं को इन्हीं सैटेलाइट ऑफिसों में ही पूरा किया जाएगा. इससे निवेशकों को लखनऊ आकर विभिन्न दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं रहेगी.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली सरकार ने इसके लिए मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और नई दिल्ली में ‘इन्वेस्ट यूपी’ के सैटेलाइट इन्वेस्टमेंट प्रमोशन ऑफिस खोलने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही इन्वेस्ट यूपी के पुनर्गठन प्रस्ताव को हरी झंडी दे चुके हैं. इसी क्रम में इन सैटेलाइट ऑफिसों की स्थापना करने की तैयारी की जा रही है. योजना के मुताबिक हर सैटेलाइट ऑफिस में एक जनरल मैनेजर, एक असिस्टेंट जनरल मैनेजर, दो उद्यमी मित्र, दो एग्जिक्यूटिव और दो ऑफिस असिस्टेंट की टीम तैनात होगी.

ये होगी रणनीति

योगी सरकार ने प्रत्येक शहर का सैटेलाइट ऑफिस अपनी भौगोलिक और औद्योगिक विशेषता के अनुरूप रणनीतिक क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगा. जैसे कि मुंबई में खुलने वाले सैटेलाइट ऑफिस का मुख्य काम वित्तीय सेवाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर, फिनटेक और ईएसजी फंड पर ध्यान देना रहेगा. इसी प्रकार बेंगलुरु ऑफिस जीसीसी, एयरोस्पेस, सेमीकंडक्टर, ईवी और डीपटेक सेक्टर पर फोकस करेगा. हैदराबाद ऑफिस का फोकस फार्मा, डेटा सेंटर, हेल्थटेक और एंटरप्राइज SaaS जैसे उद्योगों पर होगा. इसी प्रकार चेन्नई ऑफिस ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल और हार्डवेयर निर्माण उद्योगों में निवेश आकर्षित करने का काम करेगा. वहीं नई दिल्ली ऑफिस समर्पित इन्वेस्ट यूपी एवं एशिया-यूरोपीय संघ सुविधा कार्यालय के रूप में कार्य करेगा.

हर साल 12 करोड़ से अधिक का बजट

अधिकारियों के मुताबिक इन पांचों कार्यालयों के संचालन पर उत्तर प्रदेश सरकार करीब 12 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि हर साल खर्च करेगी. इन कार्यालयों के जरिए ‘ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस’ की छवि को मजबूत करने की कोशिश होगी. खुद सीएम योगी ने साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश अब केवल उपभोक्ता राज्य नहीं, बल्कि निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बन चुका है. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए सैटेलाइट ऑफिसों का काम करना है.