₹7488 करोड़ की लागत से बनेगा आगरा- लखनऊ से गंगा एक्सप्रेसवे तक 90 KM का नया लिंक एक्सप्रेसवे
शुक्रवार को यूपी कैबिनेट की बैठक में 90 किलोमीटर लंबे नए लिंक एक्सप्रेसवे को मंजूरी मिली है. ये एक्सप्रेस- वे इटावा से शुरू होकर फर्रुखाबाद के रास्ते हरदोई में गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा. इसकी अनुमानित लागत ₹7488 करोड़ रुपए रहने वाली है. इसके साथ ही इस मीटिंग में और भी कई अहम फैसले लिए गए हैं.

यूपी सरकार की कैबिनेट बैठक में प्रदेश के विकास को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए हैं. जिसके तहत 90 KM लंबे नए लिंक एक्सप्रेस- वे बनाए जाने का भी फैसला लिया गया है. ये एक्सप्रेस- वे इटावा से शुरू होकर फर्रुखाबाद होते हुए हरदोई में गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा.
इसकी लागत की बात करें तो इसकी अनुमानित लागत ₹7488 करोड़ रुपए है. शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को पारित किया गया. इसके अलावा प्रदेश के विकास को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए. जिसके जरिए सरकार ने जनता को राहत देने की कोशिश की है.
पास हुए 22प्रस्ताव
सीएम योगी की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग में कुल 22 अहम प्रस्तावों को पास किया गया है. बैठक के बाद कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री योगेंद्र उपाध्याय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री सुनील कुमार शर्मा ने कैबिनेट के फैसलों को लेकर जानकारी साझा की. मंत्रियों ने बताया कि सभी प्रस्तावों को सर्वसम्मति से मंजूरी मिली है, जिनके जरिए राज्य के आर्थिक, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी क्षेत्रों को बेहतर बनाया जा सकेगा.
UP में सेमीकंडक्टर को बढ़ावा
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश सेमीकंडक्टर नीति 2024 के तहत मेसर्स वामासुंदरी इन्वेस्टमेंट्स (दिल्ली) प्राइवेट लिमिटेड को सेमीकंडक्टर परियोजना की स्थापना के लिए संशोधित लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी किया गया है. इस परियोजना में 2706.12 करोड़ रुपये के निवेश को केंद्र और राज्य सरकार ने स्वीकृति प्रदान की है.
यह परियोजना उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर इकाई की स्थापना को बढ़ावा देगी, जिससे भारत को सेमीकंडक्टर उत्पादों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठेगा. साथ ही, यह परियोजना 3780 युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित करेगी, जिससे राज्य की आर्थिक प्रगति को और गति मिलेगी.
3 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को मंजूरी
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि योगी सरकार उच्च शिक्षा को बढ़ावा दे रही है. उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र बन रहा है. बैठक में 3 निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी दी गई है. इनमें ठाकुर युवराज सिंह विश्वविद्यालय, फतेहपुर (प्रायोजक संस्था: एंग्लो संस्कृत कॉलेज), गांधी विश्वविद्यालय, झांसी (प्रायोजक संस्था: संत मां कर्मा मानव संवर्धन ट्रस्ट) तथा राधा गोविंद विश्वविद्यालय, चदौसी (प्रायोजक संस्था: सोलन एजुकेशन सोसाइटी) शामिल हैं.
मंत्री ने बताया कि प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की संख्या लगभग 50 हो गई है. पिछले तीन सालों में 5 सरकारी विश्वविद्यालय स्थापित हो चुके हैं, जिससे हर मंडल में एक सरकारी विश्वविद्यालय बनाने का संकल्प पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालय स्थापित हो रहे हैं, जो राज्य को शिक्षा हब बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे.