800 FIR, हजारों करोड़ की ठगी… UP के दो बड़े बिल्डरों के फ्रॉड की कहानी

उत्तर प्रदेश में दो बिल्डरों द्वारा हजारों करोड़ रुपए के रियल एस्टेट घोटाले का खुलासा हुआ है. इनके खिलाफ सैकड़ों FIR दर्ज हैं. इन कंपनियों ने झूठे वादों से निवेशकों को ठगा और प्रोजेक्ट अधूरे छोड़ दिए. सरकार और रेरा कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन पीड़ितों को अभी तक न्याय नहीं मिला है.

अंसल एपीआई और शाइन सिटी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और पूरे राज्य में रियल एस्टेट के नाम पर ठगी का ऐसा मायाजाल फैला है, जिसने लाखों लोगों के सपनों को चकनाचूर कर दिया. इन कंपनियों ने झूठे वादों से निवेशकों को ठगा और प्रोजेक्ट अधूरे छोड़ दिए. यूपी के दो रियल एस्टेट कंपनियां, अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Ansal API) और शाइन सिटी ग्रुप भी इस लिस्ट में शामिल है. इन दोनों बिल्डरों के खिलाफ करीब 800 FIR दर्ज हैं, और अनुमान है कि इन्होंने 4000 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के बावजूद, पीड़ित निवेशकों को अभी तक न तो पैसा वापस मिला है और न ही न्याय की पूरी उम्मीद. इसी कड़ी में आइए, इन दोनों कुख्यात बिल्डरों की ठगी की कहानी को करीब से जानते हैं. पहले हम आपको अंसल एपीआई के बारें बताते है…

सुशांत गोल्फ सिटी में हवा-हवाई वादों का जाल

लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी प्रोजेक्ट को अंसल एपीआई ने एक प्रीमियम और हाईटेक आवासीय परियोजना के रूप में पेश किया. गोल्फ कोर्स, क्लब हाउस, और आधुनिक सुविधाओं के वादों ने मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के निवेशकों को आकर्षित किया. कंपनी ने चमकदार ब्रोशर, बड़े-बड़े विज्ञापन, और लुभावने दावों के जरिए फ्लैट, दुकान, और प्लॉट बेचे. लेकिन समय के साथ यह साफ हो गया कि ये वादे ज्यादातर कागजों तक सीमित थे.

लखनऊ के वृंदावन योजना निवासी कर्नल शिवप्रसाद मौर्य और उनकी पत्नी नीरज कुमारी मौर्य ने 2021 में अंसल एपीआई के दो अपार्टमेंट (O1-M/B-302 और O1-M/B-303) बुक किए, जिनके लिए उन्होंने 56.98 लाख रुपए का भुगतान किया. रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) के 23 मई 2022 के आदेश के बावजूद, कंपनी ने न फ्लैट का कब्जा दिया और न ही पैसा वापस किया. इसी तरह, कैंट क्षेत्र के शशि वहल ने 2011 में 14.62 लाख रुपए में प्लॉट बुक किया, लेकिन 14 साल बाद भी उन्हें न कब्जा मिला और न रिफंड.

एक प्रोजेक्ट में ही 2500 करोड़ रुपए की ठगी

अंसल एपीआई पर आरोप है कि उसने एक ही प्लॉट या फ्लैट को कई लोगों को बेचा. प्रोजेक्ट को रेरा में पंजीकृत दिखाकर भरोसा जीता गया, लेकिन कई मामलों में एलडीए से मंजूरी के बिना ही बिक्री की गई. शुरुआती निवेशकों को आंशिक कब्जा या रिटर्न देकर लोगों को लुभाया गया, लेकिन बाद में प्रोजेक्ट अधूरे छोड़ दिए गए. अनुमान है कि अंसल ने सुशांत गोल्फ सिटी प्रोजेक्ट में अकेले 2500 करोड़ रुपए की ठगी की. अंसल एपीआई के खिलाफ अब तक 240 से अधिक FIR दर्ज हो चुकी हैं.

शाइन सिटी ग्रुप के पोंजी स्कीम का काला खेल

शाइन सिटी ग्रुप ने 2013 में लखनऊ के विपुल खंड में अपना मुख्यालय स्थापित कर रियल एस्टेट और निवेश योजनाओं के जरिए लोगों को लुभाना शुरू किया. कंपनी ने 12.5% सालाना रिटर्न और सस्ते घरों का वादा किया. ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ब्रेट ली जैसे सेलिब्रिटी चेहरों का इस्तेमाल कर निवेशकों का भरोसा जीता गया. लेकिन यह सब एक सुनियोजित पोंजी स्कीम थी, जिसमें नए निवेशकों के पैसे से पुराने निवेशकों को रिटर्न दिए गए.

ED के अनुसार, शाइन सिटी ने 800-1000 करोड़ रुपए की ठगी की, जबकि पुलिस का अनुमान है कि यह रकम 2000 करोड़ रुपए से अधिक हो सकती है. कंपनी के CMD रशीद नसीम, जो कथित तौर पर दुबई में छिपा है, इस घोटाले का मास्टरमाइंड है. कंपनी ने शाइन सिटी प्रॉपर्टीज, शाइन सिटी डेवलपर्स, और 20 अन्य फर्जी कंपनियों के जरिए फंड जुटाए. निवेशकों को लक्जरी कारों और ज्वेलरी पर डिस्काउंट जैसे ऑफर दिए गए, लेकिन प्रोजेक्ट्स ज्यादातर कागजों पर ही रहे.

शाइन सिटी के खिलाफ 554 FIR हैं दर्ज

शाइन सिटी ने फर्जी प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए, जिनका जमीनी स्तर पर कोई वजूद नहीं था. निवेशकों से जुटाए गए पैसे को कई खातों में ट्रांसफर कर विदेश भेजा गया. रशीद नसीम के सहयोगी हिमांशु कुमार और अभिषेक कुमार सिंह ने 160 करोड़ रुपए से अधिक की प्रॉपर्टी खरीदी, जिसमें लखनऊ, नोएडा, और मुंबई में जमीन और ऑफिस स्पेस शामिल हैं. जब रिटर्न देने का समय आया, तो कंपनी के दफ्तर बंद मिले, और नसीम देश छोड़कर भाग गया.

शाइन सिटी के खिलाफ 554 FIR दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें धोखाधड़ी, जालसाजी, और आपराधिक विश्वासघात के आरोप शामिल हैं. ED ने 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की और 266.70 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच की हैं. 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और रशीद नसीम को मई 2024 में भगोड़ा घोषित किया गया. उसके प्रत्यर्पण के लिए दुबई में प्रयास जारी हैं. शाइन सिटी घोटाले ने करीब 2.5 लाख निवेशकों को प्रभावित किया.

जांच की धीमी गति से निवेशक हैं निराश

रेरा ने अंसल एपीआई के खिलाफ पैसे वापस करने और प्रोजेक्ट पूरे करने के आदेश जारी किए हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में रिकवरी नहीं हुई. शाइन सिटी के खिलाफ भी रेरा में शिकायतें दर्ज हैं, लेकिन फर्जी कंपनियों और विदेश भेजे गए फंड ने जांच को जटिल बना दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषियों की संपत्ति जब्त करने और पीड़ितों को राहत देने के निर्देश दिए हैं. फिर भी, जांच की धीमी गति से निवेशक निराश हैं. रियल एस्टेट में ठगी का बढ़ता ग्राफ अंसल एपीआई और शाइन सिटी के मामले में देखने को मिलता है.