‘रामभद्राचार्य जी को पद्मश्री लौटा देनी चाहिए’, प्रेमानंद महाराज पर की गई टिप्पणी से संत नाराज
मथुरा के चर्चित संत प्रेमानंद महाराज को दिए गए चैलेंज को लेकर जगतगुरु रामभद्राचार्य पर संत समाज के कई लोग नाराज हैं. संत समाज के लोगों ने कहा कि रामभद्राचार्य को अपनी पद्म श्री की उपाधि लौटा देनी चाहिए.

उत्तर प्रदेश के मथुरा के प्रेमानंद महाराज यूं तो अपनी अच्छी बातों से देश के युवाओं और अलग-अलग तपके के लोगों को प्रभावित करने के लिए चर्चा में रहते हैं. लेकिन, इन दिनों रामभद्राचार्य जी के प्रेमानंद महाराज को किए गए चैलेंज की चर्चा हो रही है. प्रेमानंद महाराज पर रामभद्राचार्य जी के द्वारा दिए गए बयान पर कोहराम मचा हुआ है. सभी संत समाज रामभद्राचार्य महाराज को खरी-खोटी सुना रहे हैं.
श्री कृष्ण जन्म मंदिर मस्जिद केस के मुख्य याचिकाकर्ता दिनेश फलाहारी महाराज ने तो यहां तक कह दिया है कि रामभद्राचार्य महाराज जी को अपनी पद्म श्री की उपाधि लौटा देनी चाहिए. वह जगतगुरु किस बात के हैं,उनको ज्ञान का अहंकार हो गया है.
पाखंडियों को उनका आयना दिखाते हैं
दिनेश फलाहारी महाराज ने कहा कि उनको सभी संतो को गले लगाना चाहिए. संत रास बिहारी दास जी महाराज ने कहा कि रामभद्राचार्य ने जिस प्रकार प्रेमानंद महाराज को नीचा दिखाने के लिए यह शब्द बोला है वह बहुत ही गलत है. हम इसकी निंदा करते हैं. प्रेमानंद महाराज जी हमेशा पाखंडियों को आयना दिखाते हैं. भक्तों की भावनाओं से मत खेलो.
हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी महंत राजू दास ने कहा कि दोनों महान संत हैं और ऐसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए. वहीं मोहित जी महाराज ने कहा कि प्रेमानन्द जी किसी संत की बुराई नहीं करते युवाओं को सनातन धर्म की तरफ जोड़ते हैं. जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी के खिलाफ ब्रजभूमि में संतों में बहुत भारी आक्रोश है.
रामभद्राचार्य जी ने प्रेमानंद महाराज को क्या कहा?
प्रेमानंद महाराज को लेकर जगतगुरू रामभद्राचार्य ने कहा कि प्रेमानंद मेरे बाल की तरह हैं. उनकी दोनों किडनियां फेल हैं, ये कोई चमत्कार नहीं है इसके लिए तो वे डालिसिस कराते हैं. उन्होंने कहा कि अगर ये चमत्कार है तो मैं उनको चैलेंज करता हूं कि वो एक अक्षर संस्कृत के बता दें, वो चाहें तो मेरे कहे हुए श्लोकों का अर्थ भी बता सकते हैं.