अब कैसे खेलेंगे होली दिगम्बर… पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन, BHU में चल रहा था इलाज

पंडित छन्नुलाल मिश्र को कुछ दिन पहले ही तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तबीयत सुधरने पर उनको डिस्चार्ज कर दिया गया था. लेकिन गुरुवार को सुबह पंडित छन्नूलाल का 89 साल की उम्र में निधन हो गया.

पंडित छन्नुलाल मिश्र का निधन Image Credit:

प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक और पद्म भूषण से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र का 89 साल की उम्र में निधन हो गया. गुरुवार सुबह 4.15 बजे पंडित छन्नूलाल ने अंतिम सांस ली. पंडित छन्नूलाल मिश्र का अंतिम संस्कार वाराणसी में किया जाएगा. वह लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान थे.

पंडित छन्नूलाल मिश्र को कुछ दिन पहले ही तबीयत बिगड़ने पर बीएचयू में भर्ती कराया गया था. वहां से उन्हें सर सुंदर लाल अस्पताल रेफर कर दिया गया था. उन्हें माइनर कार्डियक और चेस्ट संबंधी परेशानी थी. तब उनकी तबीयत में सुधार भी हुआ था. ऐसे में डॉक्टरों ने उनको अस्पताल से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया था. पंडित छन्नूलाल मिश्र को हीमोग्लोबिन की कमी और त्वचा संबंधी समस्याएं भी थीं.

छन्नुलाल मिश्र का जाना अपूरणीय क्षति

पद्मश्री डॉक्टर राजेश्वर आचार्य कहते हैं कि छन्नूलाल मिश्र का पूरा जीवन संघर्ष की एक मिसाल रहा है. काशी के ठाकुर जयदेव सिंह से संगीत की शास्त्रीय दीक्षा ली. ज्यादातर उन्होंने शास्त्रीय और उपशास्त्रीय ही गाया. एक ऐसा शख्स जो आजमगढ़ से काशी संगीत की शिक्षा लेने आया और जीवन भर उसने भारतीय संगीत की शास्त्रीय परम्परा की सेवा की. उनका जाना बनारस संगीत घराने के लिए अपूरणीय क्षति है. मैं उनको अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

पीएम मोदी ने भी दी श्रद्धांजलि

पंडित छन्नुलाल मिश्र के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने अपने X अकाउंट पर लिखा कि प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र के निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है. वे जीवन भर भारतीय कला और संस्कृति के संवर्धन के लिए समर्पित रहे.  शास्त्रीय संगीत को जन-जन तक पहुंचाने के साथ-साथ उन्होंने भारतीय परंपरा को वैश्विक पटल पर स्थापित करने में भी अपना अमूल्य योगदान दिया. यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे उनका स्नेह और आशीर्वाद सदैव प्राप्त होता रहा. वर्ष 2014 में वे वाराणसी सीट से मेरे प्रस्तावक भी थे. इस दुख की घड़ी में, मैं उनके परिवारजनों और प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. ॐ शांति!

सीएम योगी ने भी दी श्रद्धांजलि

इसके अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी पंडित पंडित छन्नूलाल मिश्र के निधन पर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने अपने X अकाउंट पर लिखा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत के मर्मज्ञ और ‘पद्म विभूषण’ से अलंकृत प्रख्यात शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र जी का निधन अत्यंत हृदयविदारक और शास्त्रीय संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! आपने अपना संपूर्ण जीवन भारतीय शास्त्रीय संगीत के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया. आपका गायन इस कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने वाले कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है. मैं प्रभु श्री राम से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके शोकाकुल परिवार, अनुयायियों और प्रशंसकों को इस गहन दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें.

बनारस रही छन्नुलाल मिश्र की कर्मभूमि

पंडित छन्नूलाल मिश्रा एक भारतीय शास्त्रीय गायक थे. उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत उचाइयों पर पहुंचाया. उनका जन्म 3 अगस्त 1936 को भले ही आजमगढ़ जिले के हरिहरपुर गांव में हुआ, लेकिन उनकी कर्मभूमि बनारस ही रही. शास्त्रीय संगीत में अप्रतिम योगदान के लिए उन्हें 2010 और 2020 में पद्म विभूषण भी दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 2014 में वाराणसी से चुनाव लड़ने का फैसला किया तो पंडित छन्नूलाल मिश्र उनके प्रस्तावक भी रहे थे.

खेले मसाने में होरी दिगम्बर गीत बढ़ाई लोकप्रियता

पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र ने होली की प्रसिद्ध गीत खेले मसाने में होरी दिगम्बर, खेले मसाने में होरी, भूत पिशाच बटोरी, दिगंबर खेले मसाने में होरी गाया था. पंडित छन्नुलाल मिश्र ने इस गाने की लोकप्रियता को अलग आयाम पहुंचाया. बिना इस गीत पर होली अधूरी लगती है.