‘रहम करो सरकार…’ नैनी जेल से झांसी जाते समय बोला अतीक का बेटा अली, मीडिया से मिलाने पर इंस्पेक्टर सस्पेंड
माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे अली ने नैनी से झांसी जेल जाते समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रहम की गुहार लगाई है. अली ने खुद पर झूठे मुकदमे का आरोप लगाते हुए जेल में अपनी जान का खतरा बताया. हालांकि कड़ी सुरक्षा में एक जेल से दूसरी जेल में शिफ्टिंग के दौरान मीडिया से बात कराने पर इंस्पेक्टर अशोक कुमार को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस अली को अतीक गैंग का लीडर मानती है, जबकि अली इससे इनकार करता है.
प्रयागराज में कुख्यात माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मार्मिक अपील की है. कहा है कि वह तो दिल्ली में लॉ की पढ़ाई कर रहा था, लेकिन उसे इस हालत में पहुंचा दिया गया. उसने मुख्यमंत्री से रहम की गुहार करते हुए कहा कि अब तक जो हुआ सो हुआ, लेकिन अब उसे बख्श दिया जाए. अली ने यह बयान बीते एक अक्टूबर को प्रयागराज के नैनी जेल से झांसी जेल में शिफ्टिंग के दौरान दिए. उसे कड़ी सुरक्षा में प्रयागराज से झांसी ले जाया गया. इस दौरान शिफ्टिंग टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने अली की मीडिया से बात कराई थी.
प्रयागराज पुलिस कमिश्नर ने इसी मीडिया ट्रॉयल को अली की सुरक्षा में सेंध का मामला बताया है. इसी के साथ उन्होंने इंस्पेक्टर अशोक कुमार को सस्पेंड करते हुए विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं. पुलिस कमिश्नर ने अशोक कुमार के साथ गए पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं. बता दें कि दो साल पहले मीडिया से बात करते हुए अली के पिता और कुख्यात माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज में गोली मार दी गई थी. इस घटना में भी आरोपी मीडिया कर्मी बनकर आए थे.
तीन साल से नैनी जेल में था अली
माफिया डॉन अतीक का बेटा अली बीते तीन साल से भी अधिक समय से प्रयागराज के नैनी स्थित केंद्रीय कारागार में बंद था, लेकिन पिछले दिनों उसके पास से रुपये बरामद होने और अतीक के गैंग को ऑपरेट करने संबंधी इनपुट के बाद उसे कड़े सुरक्षा घेरे में नैनी जेल से झांसी जेल में स्थानांतरित कर दिया गया. उसे बीते एक अक्टूबर को ही नैनी से झांसी ले जाया गया था. इस दौरान झांसी जेल में दाखिल कराने से पहले पुलिस ने अली को मीडिया के सामने पेश किया, जहां उसने झांसी जेल में जान का खतरा बताते हुए सीएम योगी से रहम की गुहार की.
मीडिया के सामने दिया था ये बयान
मीडिया के सामने आते ही अली ने पहला बयान दिया कि उसकी जान को खतरा है. कहा कि अब तो अल्लाह ही जानता है कि वह कितने दिनों तक जिंदा रहेगा. उसने मीडिया से कहा कि वह तो दिल्ली में कानून की पढ़ाई कर रहा था. पुलिस ने वहीं से उसे अरेस्ट किया और फर्जी मुकदमे लाद दिए गए. इस दौरान सीएम योगी से रहम की गुहार करते हुए कहा कि कुछ लोग सरकार के नाम पर उसे परेशान कर रहे हैं. कहा कि अब तक जो हुआ सो हुआ, लेकिन अब उसे बख्श दिया जाए. कहा कि अभी प्रयागराज से झांसी लाते समय साढ़े 4 सौ किमी के सफर में भी उसे पानी तक नहीं पूछा गया.
पुलिस ने घोषित किया अतीक गैंग का लीडर
अली ने कहा कि वह किसी गैंग का लीडर नहीं है और ना ही किसी गैंग से उसका वास्ता है. उसके पिता अतीक अहमद की मौत के बाद खुद प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट ने ही उसे अतीक के गैंग ‘आईएस 227’ का नया लीडर घोषित किया था. इसके बाद पुलिस ने इस गैंग में शामिल कई बदमाशों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी की थी. पुलिस का मानना है कि अतीक की मौत के बाद भी प्रयागराज में उसका गैंग को कोई ऑपरेट कर रहा है. पहले की ही तरह रंगदारी और उगाही का खेल जारी है. पुलिस को शक है कि जेल में रहकर अली ही इस गैंग को ऑपरेट कर रहा है.