12 साल तक विदेश में रहा फिर लौटा, अब गुलाब की खेती से ऐसे लखपति बना किसान

प्रयागराज के किसान जिज्ञासु मिश्रा गुलाब की एक खास किस्म टॉप सीक्रेट रोज की खेती पॉलीहाउस तकनीक के माध्यम से करते हैं. वह इसे रूस और मिडिल ईस्ट देशों में सालभर में दो बार निर्यात कर रहे हैं और लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं.

गुलाब की खेती Image Credit:

मौसम की अनिश्चित्ता के चलते वैज्ञानिकों के साथ किसान भी परेशान हैं. ऐसे में प्रयागराज के एक किसान ने मौसम की इस आंख मिचौली से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिए एक ऐसा कदम उठाया कि वे अन्य किसानों के लिए रोल मॉडल बन गए. अब वह पॉली हाउस और नेट हाउस तकनीक के जरिए गुलाब की एक खास किस्म की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

प्रयागराज के मेजा इलाके के हरवारी लखापुर गांव किसान के जिज्ञासु मिश्रा 12 साल तक कई देशों में नौकरी कर चुके हैं. मन नहीं लगने पर वह वापस प्रयागराज आ गए. फ्लोरीकल्चर यानी फूलों की खेती में उतर गए. लेकिन मौसम के बदलते मिजाज से वह शुरू में सफल नहीं हुए. आखिर में पॉलीहाउस तकनीक करते हुए गुलाब की एक खास किस्म “टॉप सीक्रेट रोज” की सफलतापूर्वक शुरुआत की.

लाखों का कमा रहे हैं मुनाफा

जिज्ञासु मिश्रा ने उद्यान विभाग की मदद से 4 पॉली हाउस और एक नेट हाउस बनाया है. इसमें तीन पॉली हाउस में वह केवल “टॉप सीक्रेट” नामक गुलाब की खेती करते हैं. इसे वह रूस और मिडिल ईस्ट देशों में निर्यात कर रहे हैं और लाखों कमा रहे हैं. जिज्ञासु बताते है कि साल में दो सीजन में वह ओमान, कतर, कुवैत और रूस में टॉप सीक्रेट गुलाब की खेप भेजते हैं. वे एक बार में 80 हजार से अधिक रोज स्टिक वह निर्यात कर रहे हैं.

टॉप सीक्रेट रोज़ की क्यों है सबसे अधिक मांग

दरअसल टॉप सीक्रेट रोज एक हाइब्रिड टी रोज है. यह सुर्ख लाल रंग का चमकदार और सुगंधित पंखुड़ी वाला गुलाब है जो गर्मी और ठंड दोनों मौसम में फूल देता है . साथ ही लंबे समय तक ताज़ा रहता है. फूलों के गुलदस्ते बनाने में भी इसका बहुत इस्तेमाल होता है. क्रिसमस से लेकर वेलेंटाइन डे के बीच इसकी सबसे अधिक मांग रहती है.

कई अन्य किसानों ने भी अपनाई ये तकनीक

इनोवेशन प्रयागराज के जो किसान मौसम में अप्रत्याशित मिजाज से चिंतित और परेशान थे उसे टॉप सीक्रेट रोज ने एक संजीवनी प्रदान की है . चाका के किसान सीएल गौतम बताते हैं कि वह ड्रैगन फ्रूट और पाइन एप्पल खुले खेतों में उगाते थे लेकिन बेमौसम बारिश और एक्सट्रीम तापमान से उनकी हर फसल खराब हो रही थी. जिज्ञासु मिश्रा के फार्मूले को उन्होंने भी आजमाया है उन्होंने भी पॉली हाउस में फ्लोरीकल्चर शुरू किया है.

अब पॉलीहाउस में करेंगे ड्रैगन फ्रूट की भी खेती

सीएल गौतम आगे बताते हैं कि अब वह ड्रैगन फ्रूट भी अब इसी पॉली हाउस में उगाएंगे . इस समय जिले में 6 पॉली हाउस और 2 नेट हाउस में बागवानी की जा रही है. जिले में इसमें चार पॉली हाउस में फ्लोरी कल्चर और दो नेट हाउस में ड्रैगन फ्रूट की बागवानी हो रही है. फ्लोरीकल्चर के अंतर्गत टॉप सीक्रेट गुलाब और डेली फ्लॉवर्स की मांग सबसे अधिक होने की वजह से किसान इन्हें ही यहां वरीयता दे रहे हैं.