रोडवेज बसों के ड्राइवर-कंडक्टर सीख रहे मूक बधिरों की भाषा, शुरू हुई ट्रेनिंग

यूपी रोडवेज की बसों में मूक बधिर यात्रियों के साथ परिचालकों के बर्ताव को लेकर सवाल होते रहे हैं. इसे देखते हुए रोडवेज ने बसों के ड्राइवर और कंडक्टरों के लिए विशेष पाठशाला की शुरुआत की है, जिसमें मूक बधिरों की भाषा सिखाई जा रही है.

प्रयागराज में बस कंडक्टरों को सिखाई जा रही सांकेतिक भाषा

दुनिया भर में 22 सितंबर से शुरू हुए अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा सप्ताह का 28 सितम्बर को समापन हो गया. समापन के अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा विभिन्न डिपो में चालकों और कंडक्टरों को मूक-बधिर यात्रियों की सांकेतिक भाषा प्रशिक्षण हेतु विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए.

प्रयागराज शहर के राजापुर रोडवेज वर्कशाप प्रयाग डिपो कार्यशाला में बने सेन्ट्रल कन्ट्रोल रूम में इसका आयोजन किया गया, जिसमें 75 परिचालकों ने हिस्सा लिया. ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी अखिल उत्तर प्रदेश बधिर संस्था लखनऊ ( AUPAD) द्वारा नामित पांच ट्रेनर्स को दी गई थी.

1304 परिचालक, 1229 चालक लेंगे ट्रेनिंग

इस ट्रेनिंग में प्रयागराज रीजन के 1304 परिचालकों और 1229 चालकों की ट्रेनिंग होनी थी. बस संचालन व्यवस्था में कोई बाधा न हो इसे देखते हुए 75 परिचालकों को ट्रेनिंग दी गई. वहीं, बचे हुए कर्मियों के लिए वीडियो नोट्स इनके मोबाइल में शेयर करने का फैसला किया गया है.

ये पांच ट्रेनर्स ने परिचालकों के दी ट्रेनिंग

रोडवेज के परिचालकों सांकेतिक भाषा की ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी AUPAD द्वारा नामित पांच ट्रेनर्स को दी गई थी. उसमें अब्दुल मतीन, अजय कुमार, मोहित शुक्ला, मौसमी यादव और आकांक्षा यादव शामिल हैं. उन्हें मूक बधिर भाषा में स्टेशन के संकेत और उनकी परेशानियों को समझने की ट्रेनिंग दी गई.

ट्रेनिंग लेने के बाद क्या बोले परिचालक?

ट्रेनिंग लेने आए रोडवेज के परिचालक धीरेन्द्र चंदेल का कहना है कि इन यात्रियों का रोडवेज में किराया वैसे भी माफ रहता है, इसलिए अंकों की जानकारी से अधिक गंतव्य स्थल की जानकारी ज्यादा जरूरी थी. ट्रेनर्स ने सभी बातों को बखूबी समझाया, इससे हमें संवाद स्थापित करने में सहूलियत होगी.

ट्रेनिंग लेने आए एक और परिचालक संजय कुमार खरवार का कहना है कि पहली बार सांकेतिक भाषा की जानकारी उन्हें हुई है. ट्रेनर्स ने मूक बधिरों की सांकेतिक भाषा में यात्रियों की तबियत खराब होने की स्थिति में संकेतों की जो जानकारी दी उससे मूक बधिर यात्रियों के साथ संवाद सुगम होगा.