12 बीघे में फार्म हाउस, 23 प्लॉट, कई मकान; रिटायर्ड इंस्पेक्टर निकला 14 करोड़ का मालिक
रिटायर्ड इंस्पेक्टर प्रेमवीर राणा के ठिकानों पर विजिलेंस ने छापेमारी की है. इसमें 14 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ है. सहारनपुर और बागपत में करोड़ों की प्रॉपर्टी, ज्वैलरी और बैंक खाते मिले हैं. यह कार्रवाई उनकी आय से अधिक संपत्ति मामले में की गई है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के रिटायर्ड इंस्पेक्टर प्रेमवीर सिंह राणा के खिलाफ विजिलेंस विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. मेरठ विजिलेंस सेक्टर की टीम ने शनिवार को सहारनपुर और बागपत में उनके ठिकानों पर छापेमारी किया. इस दौरान करीब 14 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया है. कार्रवाई के बाद राणा की आय और संपत्ति के बीच भारी अंतर पाया गया है.
विजिलेंस टीम ने सुबह तड़के सहारनपुर के ब्रजेशनगर स्थित तीन मकानों, बी-8, बी-27 और बी-80 और ग्राम शेखपुरा के फार्महाउस के साथ-साथ बागपत जिले के निरपुड़ा गांव स्थित पैतृक मकान पर एक साथ तलाशी ली. यह अभियान करीब सात घंटे तक चला, जिसमें चार टीमों के साथ भवन मूल्यांकनकर्ता, आभूषण विशेषज्ञ और स्वतंत्र गवाह भी शामिल रहे.
12 बीघे में फार्म हाउस, कीमत 10.5 करोड़ रुपये
सूत्रों के अनुसार, सहारनपुर स्थित ब्रजेशनगर के बी-27 नंबर मकान से विजिलेंस टीम को 7,18,700 रुपये का घरेलू सामान, 20,59,055 रुपये की ज्वैलरी और 12 बैंक खातों के दस्तावेज बरामद हुए. वहीं, बी-80 नंबर मकान से फर्नीचर, बीमा पॉलिसियां और अन्य कागजात मिले, जिनकी कीमत करीब 71,500 रुपये आंकी गई.
इसके अलावा, बी-8 नंबर मकान में चार किरायेदार रहते पाए गए, जिसकी कीमत लगभग 80 लाख रुपये बताई जा रही है. सबसे बड़ी संपत्ति सहारनपुर के ग्राम शेखपुरा स्थित फार्म हाउस में मिली. फार्म हाउस करीब 12 बीघे में फैला है. विजिलेंस की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, फार्म हाउस की कुल कीमत 10.5 करोड़ रुपये की है.
आय से अधिक संपत्ति को लेकर दर्ज हुई थी FIR
जांच टीम को शेखपुरा स्थित फार्म हाउस से 9.60 लाख रुपये का घरेलू सामान, कृषि उपकरण और जमीनों के दस्तावेज बरामद हुए. इसके अलावा 23 बैनामे कृषि और आवासीय प्लॉट, दो कारें (एक स्कॉर्पियो, एक डिज़ायर) और एक मोटरसाइकिल भी पाई गई है. प्रेमवीर राणा का कहना है कि यह कार्रवाई उनके पुराने विवादों के चलते हो रही है.
सूत्रों के मुताबिक, 2.92 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति उनकी घोषित आय से अधिक पाई गई थी. इसी के आधार पर 22 सितंबर 2025 को मेरठ सतर्कता अधिष्ठान थाना में प्रेमवीर राणा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी. यह छापेमारी उसी मुकदमे की अगली कार्रवाई मानी जा रही है.
विवादित लेकिन सख्त अफसर की रही है छवि
रिटायर्ड इंस्पेक्टर राणा का करियर करीब तीन दशक लंबा रहा है. उन्होंने नोएडा, लखनऊ, शामली, कैराना, मेरठ और सहारनपुर जैसे संवेदनशील जिलों में प्रभारी निरीक्षक के रूप में काम किया. राणा की पहचान एक सख्त और अनुशासित अफसर के रूप में रही, जिनका कई बार अपराधियों और राजनीतिक व्यक्तियों से टकराव हुआ.
कैराना में विधायक नाहिद हसन से हुई झड़प उनके करियर का सबसे चर्चित प्रकरण रहा. उस विवाद ने न केवल उनकी तैनाती बदलवाई, बल्कि उन्हें “विवादित लेकिन सख्त अफसर” की छवि भी दी. उन्हें कई बहादुरी और उत्कृष्ट कार्य पुरस्कारों से नवाजा गया, लेकिन विरोधी गुटों ने हमेशा उन्हें अप्रिय अधिकारी के रूप में देखा.
कार्रवाई के बाद शासन को भेजी जा रही रिपोर्ट
विजिलेंस की टीम फिलहाल बरामद दस्तावेजों और ज्वैलरी के वैध स्वामित्व की जांच में जुटी है. टीम के अनुसार, आगे की कार्रवाई इन संपत्तियों की मूल खरीद तिथि, आय स्रोत, और लेनदेन रिकॉर्ड के आधार पर तय की जाएगी. विजिलेंस की टीम ने सभी संपत्तियों की वीडियोग्राफी कर ली है. कार्रवाई के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है.