ताज़िए 10 फीट से नीचे, भड़काऊ नारे बर्दाश्त नहीं… मुहर्रम पर संभल में नई गाइडलाइन
संभल में मुहर्रम के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए पुलिस प्रशासन ने नई गाइडलाइन जारी की है. सदर कोतवाली में पीस कमेटी की बैठक के बाद ये निर्देश दिए गए हैं. नाबालिगों को ताज़िया उठाने से मना किया गया है. दूसरे संप्रदाय के धार्मिक स्थलों के सामने तेज़ आवाज़ में ढोल बजाने पर सख्त रोक लगाई गई है.
संभल में मुहर्रम के शांतिपूर्ण आयोजन को लेकर बुधवार को सदर कोतवाली में पीस कमेटी की बैठक आयोजित हुई. इस दौरान मुहर्रम जुलूस के दौरान नाबालिगों के ताजिया ले जाने पर रोक लगा दी है. साथ ही दूसरे संप्रदाय के धार्मिक स्थलों के सामने तेज़ आवाज़ में ढोल बजाने पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है. वहीं, ताज़िए को 10 फीट से ऊंचे नहीं रखने के निर्देश हैं.
अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तर) राजेश कुमार श्रीवास्तव और IPS आलोक कुमार भाटी की अध्यक्षता में पीस कमेटी की बैठक की गई. श्रीवास्तव ने कहा कि मुहर्रम जुलूस के साथ जाने वाले स्वयंसेवकों के साथ एक बैठक आयोजित की गई, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी दिशा-निर्देशों और सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाए. उन्होंने सभी से शांति और संयम की अपील की.
ढोल-ताशा परंपरा के अनुसार ही बजाए
ASP राजेश श्रीवास्तव ने बैठक में इस बात पर भी जोर दिया कि ताजिया की ऊंचाई 10 फुट से अधिक नहीं होनी चाहिए और जुलूस केवल पारंपरिक मार्गों से ही निकलने चाहिए. उन्होंने जुलूस में भड़काऊ नारे, हथियार, और लोहे की राड पर सख्त प्रतिबंध लगाया है. इसके अलावा नाबालिगों को ताज़िया उठाने से मना किया गया है. तेज आवाज में ढोल बजाने पर भी पाबंदियां लगाई गई हैं.
श्रीवास्तव ने जुलूसों के दौरान तेज आवाज में ढोल-ताशा बजाने संबंधी चिंताओं पर कहा, ‘मुहर्रम ग़म और अनुशासन का त्योहार है. ढोल-ताशा केवल परंपरा के अनुसार ही बजाए जाने चाहिए. खासकर दूसरे समुदायों के अराधना स्थलों के पास अनावश्यक शोर नहीं होना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि जुलूस में भड़काऊ नारेबाज़ी और हथियारों का प्रदर्शन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
नाबालिग बच्चों के ताजिया उठाने पर प्रतिबंध
श्रीवास्तव ने नाबालिग बच्चों को ताजिया या अलम ले जाने पर सख्त रोक लगाई है. उन्होंने कहा, ‘ऐसी घटनाएं पहले भी हुई हैं जब अलम ऊपर से गुजर रहे बिजली के तारों को छू गए थे और इस कारण उन्हें करंट लग गया था. ऐसे जोखिमों को ध्यान में रखते हुए केवल वयस्कों को ही उन्हें ले जाने की अनुमति दी जाएगी.’ हालांकि नाबालिग के जुलूस का हिस्सा बनने पर कोई रोक नहीं है.
जुलुस के दौरान स्वयंसेवकों को पहचान पत्र और विशिष्ट पहचान चिन्ह पहनना होगा. स्वयंसेवकों के लिए निर्देश गया है की वालंटियर्स को एक विशिष्ट रंग की पगड़ी या बांह पर बैंड पहनना अनिवार्य है. सभी वालंटियर्स को पहचान के लिए वालंटियर कार्ड भी पहनना होगा. साथ ही प्रशासन ने सभी से शांति और सद्भाव बनाए रखने और किसी भी प्रकार की अफवाह से बचने की अपील की है.