24 घंटे में लौटेगी मुर्दे में जान… सांप के डंसने से हुई मौत, डॉक्टर ने खड़े किए हाथ तो तांत्रिक ने गोबर से ढंकवाया शव
उत्तर प्रदेश में दो अलग-अलग घटनाओं में सांप के काटने से हुई मौत के बाद तांत्रिकों द्वारा पुनर्जीवन का दावा किया गया है. एक महिला को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, लेकिन तांत्रिक ने शव को गोबर से ढंककर 24 घंटे में उसे जीवित करने का दावा किया. वहीं दूसरी घटना में, एक बच्चे की मौत के बाद, तांत्रिक ने झाड़-फूंक की, लेकिन सफल नहीं हो सका.

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक हैरान करने वाली घटना हुई है. यहां एक व्यक्ति को सांप ने डंस लिया था. परिजन उसे लेकर अस्पताल गए, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजन शव लेकर घर आए, लेकिन एक तांत्रिक ने 24 घंटे में मुर्दे में जान फूंकने का दावा करते हुए शव को गोबर से ढंकवा दिया है. इसकी खबर मिलते ही आसपास के लोग तांत्रिक का चमत्कार देखने के लिए पहुंचने लगे हैं.
मामला सीतापुर के तंबौर थाना क्षेत्र में चकपुरवा गांव का है. जानकारी के मुताबिक इस गांव में रहने वाली वृद्ध महिला को गुरुवार की सुबह एक जहरीले सांप ने डंस लिया था. इससे महिला की हालत बिगड़ने लगी. आनन फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजन शव लेकर घर लौटे, लेकिन यहां एक एक बाबा ने यह कह कर सबको चौंका दिया कि चौबीस घंटे में वह इस महिला को जिंदा कर देगा.
गोबर से ढंकवाया शव
यह सुनकर परिवार के लोग हैरान रह गए. वहीं खबर देखते ही देखते पूरे इलाके में फैल गई. इसके बाद वहां लोगों का जमावड़ा लग गया. इसके बाद परिजनों ने बाबा की बात पर भरोसा कर शव को गोबर से ढक दिया गया. अब हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर महिला जिंदा होती है कि नहीं. इसी तरह की एक घटना उत्तर प्रदेश के ही बिजनौर में हुई है. यहां धामपुर से एक चंचलपुर गांव में रहने वाले प्रदीप सिंह के आठ साल के बेटे राघव को सांप ने काट लिया था.
छह घंटे तक किया झाड़-फूंक
आनन फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. डाक्टरों के मुताबिक जहर का असर खून में भी पहुंच चुका था. इसकी वजह से दवाईयों का असर नहीं हो पा रहा था. हताश हो कर मासूम राघव के परिजन उसे लेकर जहांगीर बाबा के मंदिर पहुंचे. जहां करीब छह घंटे तक एक बाबा ने झाड़ फूंक किया. इस दौरान उसके सिर को दहकते कोयले से भरी कढाई पर रखा गया तो कभी उसको ठंडे पानी से स्नान कराया गया. यहां तक कि उसे घी और पीपल के पत्तों का रस तक पिलाया गया. बावजूद इसके राघव के जिस्म में जान नहीं लौटी .



