अब 2 नहीं 1 जमानतदार से भी मिल जाएगी बेल, इलाहाबाद हाईकोर्ट का आर्डर

कैदियों की जमानत को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक नया आदेश जारी किया है. पहले जहां किसी की बेल के लिए 2 जमानतदारों की जरूरत होती थी तो अब वहीं नए प्रावधानों के तहत केवल एक ही जमानतदार के जरिए रिहाई हो सकेगी. इसके साथ बेल को लेकर क्या हुए हैं बदलाव आपको बताते हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाई कोर्ट के नए आदेश के बाद अब जमानत के लिए अब 2 जमानतदारों का अरेंजमेंट करने की अब कोई जरूरत नहीं है. नए प्रावधानों के तहत अब किसी भी कैदी की बेल के लिए केवल एक ही जमानतदार से काफी होगा. ऐसे कई मामलों सामने आ चुके हैं कि जहां दो जमानतदारों की व्यवस्था न कर पाने से कई कैदियों को सालों जेल में कैद रहना पड़ा. इन्हीं मामलों का संज्ञान लेते हुए अदालत ने ये आर्डर दिया. ये आदेश जस्टिस इलाहाबाद हाई कोर्ट की विनोद दिवाकर की सिंगल बेंच ने तब दिया, जब वो गोरखपुर की बच्ची देवी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

इन कैदियों के होगी राहत

इलाहाबाद हाई कोर्ट का ये फैसला उन कैदियों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. इस लिहाज से ये आर्डर उनके लिए कहीं न कहीं राहत देने वाला साबित होगा. कोर्ट ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां आरोपी पैसे की तंगी के कारण दो जमानतदारों का इंतजाम नहीं कर पाए और इस वजह से उन्हें काफी वक्त तक बेल नहीं मिल पाई. ये बात कहीं न कहीं कैदियों के मौलिक अधिकारों के हनन के तौर पर भी देखी जा रही थी.

कोर्ट ने ये भी कहा

इसी बात गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अब जरूरत पड़ने पर एक जमानतदार से भी रिहाई हो सकती है. ये फैसला एकल पीठ के गोरखपुर की बच्ची देवी के मामले में देखने को मिला, जहां वो सिर्फ इस वजह से जेल में बंद थी क्योंकि वह दो जमानतदार नहीं जुटा सकी थी.

कोर्ट ने कहा कि मजिस्ट्रेट या संबंधित अदालतें आरोपी की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए फैसला लें. यदि आरोपी की हालत कमजोर हो, तो एक जमानतदार से भी जमानत मंजूर की जाए. साथ ही बेल बॉण्ड की राशि भी आरोपी की क्षमता के हिसाब से तय की जानी चाहिए.