शिक्षामित्रों को योगी सरकार का बड़ा तोहफा, अब अपने गांव में भी कर सकेंगे ड्यूटी

यूपी में शिक्षामित्र अब अपने मूल विद्यालय में वापस तैनाती करा सकेंगे. इससे उनके लिए अपने घर से दूर ड्यूटी करने की बाध्यता खत्म हो जाएगी. इसका सबसे ज्यादा फायदा उन महिला शिक्षामित्रों को मिलेगा जो सालों से पति के घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर ड्यूटी कर रही थीं.

अब अपने गृह जिले में ड्यूटी कर सकेंगे शिक्षा मित्र

उत्तर प्रदेश के लगभग 30,000 से ज्यादा शिक्षामित्रों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक बन गया. लंबे इंतजार और बार-बार आंदोलन की चेतावनी के बाद आखिरकार शासन ने शिक्षामित्रों की मूल विद्यालय वापसी का बहुप्रतीक्षित आदेश जारी कर दिया है. अब शिक्षामित्र अपने गांव, अपनी ग्राम सभा, अपनी ग्राम पंचायत या वार्ड में ही पढ़ा सकेंगे.

इस फैसले से सबसे ज्यादा राहत महिला शिक्षामित्रों को मिलने वाली है जो सालों से पति के घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर ड्यूटी कर रही थीं. घर के इतने पास कि दोपहर का खाना भी घर का खा सकेंगे. बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी ने मंगलवार यानी 09 दिसंबर की देर रात इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिया.

हर स्कूल में अधिकतम 2 शिक्षामित्र

इस आदेश के बाद शिक्षामित्र अब अपने मूल तैनाती विद्यालय में वापस जा सकेंगे. मूल विद्यालय में जगह न होने पर उसी ग्राम सभा/ग्राम पंचायत/वार्ड के किसी भी परिषदीय स्कूल में उन्हें तैनाती दी जाएगी. विवाहित महिला शिक्षामित्रों को पति के गांव/वार्ड में भी तैनाती का विकल्प मिलेगा. हर स्कूल में अधिकतम 2 शिक्षामित्र (नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 3) ही रखे जाएंगे. पूरी प्रक्रिया जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति करेगी. समिति में CDO, डायट प्राचार्य, BSA और सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी सदस्य होंगे.

दो चरणों में होगी घर वापसी

पहला चरण में जिनके मूल विद्यालय या उसी ग्राम सभा में पद रिक्त है, उन्हें तुरंत तैनाती दी जाएगी. बाकी बचे शिक्षामित्रों का समायोजन विद्यालयों में खाली पड़े पदों के आधार पर किया जाएगा. इसके लिए सरकार की तरफ से अलग से दिशा-निर्देश जल्द जारी होंगे.

3 जनवरी 2025 को ही जारी हो गया था शासनादेश

बता दें कि मूल विद्यालय वापसी का शासनादेश तो 3 जनवरी 2025 को ही जारी हो गया था. 12 जून 2025 को इसके क्रियान्वयन के लिए विस्तृत गाइडलाइन भी आ गई थी. लेकिन जमीनी स्तर पर अधिकारी टालमटोल करते रहे. आखिरकार हाल ही में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने फिर से आंदोलन की चेतावनी दी तो सरकार हरकत में आई. 10 दिसंबर यानी मंगलवार की रात को शासन की तरफ से नया सख्त आदेश जारी कर दिया गया.