कम स्टूडेंट संख्या वाले प्राथमिक स्कूल होंगे मर्ज, बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

उत्तर प्रदेश में कम स्टूडेंट्स की संख्या वाले प्राथमिक स्कूलों को पास के स्कूलों में मिलाने का आदेश जारी हुआ है. बेसिक शिक्षा सचिव की ओर से जारी किए आदेश में कहा गया है कि 20 से कम छात्रों वाले स्कूल प्रभावित होंगे. इस कदम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और ड्रॉपआउट दर में कमी आने की उम्मीद है. खंड शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा गया है.

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अब जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या कम होगी उन्हें पास के ही स्कूलों मर्ज किया जाएगा. इस मामले को लेकर बेसिक शिक्षा के सचिव की ओर से आदेश जारी किया गया है. जिन प्राथमिक स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या 20 से कम है उन्हें पास के प्राथमिक विद्यालयों में मर्ज कर दिया जाएगा. आदेश में कहा गया कि जिन स्कूलों में स्टूडेंट्स का एडमिशन और उपस्थिति कम रहती है वहां कई बार सेशन खत्म होने से पहले ही स्टूडेंट स्कूल छोड़ देते हैं.

इस वजह से उनकी पढ़ाई में रुकवाटें आती हैं. ऐसे में समय पर कक्षाएं चल सकें साथ ही बेहतर और प्रभावी शिक्षा दी जा सके इसके लिए कम स्टूडेंट संख्या वाले स्कूलों को पास के दूसरे स्कूल में मर्ज करने का फैसला लिया गया है. इस फैसले से बीच में ही स्कूल छोड़ने और ड्रॉप आउट स्टूडेंट्स की संख्या में कमी आ सकती है.

तैयार किया जाए डाटा

बेसिक शिक्षा की ओर से आए आदेश के मुताबिक, जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या कम है उन स्कूलों की एक लिस्ट बनाई जाए और पूरा डाटा तैयार किया जाए. इसके साथ ही खण्ड शिक्षा अधिकारी को अलग-अलग स्कूलों में जाकर वहां की सुविधाएं, कक्षाओं का संचालन और जरूरी आवश्यकताओं का निरीक्षण करके उसका प्रस्ताव बेस जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपें. इसके अलावा स्टूडेंट्स के माता-पिता, जनप्रतिनिधियों, स्कूल के टीचर्स से बातचीत करके प्रस्तावित व्यवस्था के स्कूलों को लंबे समय तक मिलने वाले फायदे के बारे में भी जानकारी दें.

आधिकारिक तौर पर तय की गई व्यवस्था के मुताबिक, स्कूलों के संचालन को लेकर आदेश जारी किया जाए. इसके साथ ही प्रस्तावित व्यवस्था सही तरीके से संचालन हेतु स्कूलों के संसाधनों को एकसाथ लाकर उनका सही सदुपयोग के साथ-साथ उनके सुरक्षित जगहों पर रखे जाने की उचित व्यवस्था कराई जाए. अब बेसिक शिक्षा सचिव की ओर से दिए गए आदेश के बाद प्राथमिक स्कूलों की संख्या में कमी देखने को मिल सकती है.