कहानी काशी की पहचान ‘चाची की कचौड़ी’ और ‘पहलवान लस्सी’ की, जिस पर चला बुलडोजर

लंका चौराहे के पास करीब सौ साल से ज्यादा पुरानी चाची की कचौड़ी और पचहत्तर साल पुरानी पहलवान लस्सी की दुकान प्रशासन ने सड़क चौड़ीकरण अभियान के तहत हटा दी. ये दुकानें सिर्फ खाने की जगहें नहीं बल्कि बनारस के साथ अपनापन की भी गवाह थीं. बुल्डोजर एक्शन के बाद लोगों का कहना है कि विकास जरूरी है, लेकिन प्रशासन के ऐसे कदमों से बनारस का 'रस' थोड़ा फीका हो सकता है.

1915 से चल रही थी चाची की दुकान

बनारस की पहचान केवल इसके घाटों, मंदिरों और गलियों तक ही नहीं है, बल्कि इसकी पहचान की गवाह हैं कुछ ऐसी दुकानें जो सदियों से इसकी आत्मा में बसी हुई हैं. ऐसी ही एक दुकान है चाची की कचौड़ी की और इसके बगल में मौजूद पहलवान लस्सी की दुकान. इनका स्वाद बनारस के कल्चर में इस कदर रच बस गया है कि अब प्रशासन की कार्रवाई के बाद ऐसा लगने लगा है कि बनारस का रस थोड़ा सा फीका पड़ गया है. प्रशासन ने लंका चौराहे के रविदास गेट के पास सड़क चौड़ीकरण के तहत इन दोनों दुकानों समेत करीब 40 दुकानों को हटवा दिया है.

चाची की दुकान का मलबा

काफी पुरानी हैं यादें

प्रशासन के मुताबिक लहरतारा से भिखारीपुर होते हुए लंका तक की सड़क को चौड़ा किया जाना है, ताकि ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात पाया जा सके. इसके लिए पहले से पैमाइश करके मुआवज़ा दिया जा चुका है, लेकिन जब बुलडोजर चला, तो कानूनी पेंचो से इतर लोगों की इन दुकानों के साथ अपनी पुरानी यादे ताजा हो गईं.

पहलवान लस्सी की दुकान

BHU वालों का खास रिश्ता

रविदास गेट के पास मौजूद पहलवान लस्सी की शुरुआत पन्ना सरदार ने 1950 में की थी. पहलवान की लस्सी सिर्फ लस्सी नहीं, बल्कि बनारसी स्वाद का पर्याय बन है. BHU के छात्रों के द्वारा इसकी ब्रांडिंग करने का सिलसिला शुरू किया. धीरे- धीरे ये नाम देश-दुनिया में फैल गया. बॉलीवुड सितारों से लेकर मंत्रियों तक सबने इसका स्वाद चखा. कई पुराने कलाकार तो संकट मोचन संगीत समारोह में प्रस्तुति से पहले इसी लस्सी को शुभ मानते थे.

सुपरस्टार राजेश खन्ना ने भी चखा स्वाद

वहीं, चाची की कचौड़ी की दुकान 1915 में शुरू हुई थी. इसे चलाने वालीं चन्नी देवी धीरे- धीरे सबकी चाची बन गई. लोगों का कहना है कि उनके गुस्से और गालियों में भी अपनापन झलकता था. BHU के छात्र, कलाकार सभी चाची की कचौड़ी और मीठी जलेबी के दीवाने थे. राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार तक चाची की बातों के मुरीद हो गए थे.