यूपी में गाय पालने पर मिल सकते हैं साल के 72000 रुपये, ऐसे करें आवेदन

उत्तर प्रदेश में छुट्टा पशुओं की समस्या बहुत बड़ी है. ये पशु किसान की फसल को पूरी तरह से बर्बाद करते देते हैं. साथ ही दुर्घटनाओं की भी बड़ी वजह बनते हैं. इस स्थिति से बचने के लिए सरकार ने एक तरकीब निकाली थी. सरकार की तरफ से गाय पालने पर सालाना 18000 रुपये मिलते हैं. आप अधिकतम 4 गाय पाल कर सालभर में 72000 रुपये हासिल कर सकते हैं.

गाय पालन

अगर आपको गाय पालने को कहा जाए और उसके लिए सरकार की तरफ से पैसा आए तो कैसा रहेगा. आप जरूर इस मौके को लपकना चाहेंगे. उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए एकदम ऐसी ही एक योजना है.  ‘मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ के तहत किसानों को एक गाय पालने पर हर महीने 1500 रुपये दिए जाते हैं. इस हिसाब किसान को गाय पालनेके लिए सरकार की तरफ से सालाना 18000 रुपये का अनुदान दिया जाता है.

पहले महीने भर में मिलते थे 900 रुपये

बता दें कि उत्तर प्रदेश में छुट्टा पशुओं की समस्या बहुत बड़ी है. ये पशु किसान की फसल को पूरी तरह से बर्बाद करते देते हैं. इसके अलावा वे भीषण सड़क दुर्घटनाओं की वजह भी बनते हैं. इसकी को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने  ‘मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ की शुरुआत की थी. पहले इस योजना के तहत आवारा बेसहारा गायों को पालने पर प्रतिदिन 30 रुपये मिलते थे. फिलहाल, इसे बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है.

अब मिलते हैं 1500 रुपये

गाय पालन के लिए प्रतिदिन 50 रुपये के हिसाब से अब किसान को 1500 रुपये अनुदान मिलेगा. इस हिसाब से उसे एक गाय पर सालाना 18000 रुपये मिलेंगे. एक किसान अधिकतम 4 गाय ले सकता है. ऐसी स्थिति में वह साल के 72 हजार रुपये का लाभ सरकार से ले सकता है.

कौन लोग ले सकते हैं इस योजना का लाभ

इस योजना का लाभ लेने के लिए सरकार की तरफ से कुछ मानक तय किए गए हैं. अगर आप उन मानकों को पूरा करते हैं तभी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले आपको आपको उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना जरूरी है. व्यक्ति को गाय पालन का पूरा अनुभव होना चाहिए. इसके अलावा उसके पशु रखने का पर्याप्त स्थान हो. साथ ही व्यक्ति के पास बैंक खाता होना चाहिए और आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक होना चाहिए.

ऑफलाइन करना होगा आवेदन

‘मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के लिए आवेदन करने की ऑनलाइन व्यवस्था नहीं है. इसके लिए आपको ऑनलाइन ही आवेदन करना होगा. आपको गौशाला से गोवंश प्राप्त करने के लिए निकटतम पशुचिकित्सालय जाना होगा. यहां मौजूद चिकित्सा अधिकारी पशुपालकों से आवेदन लेंगे. फिर आवेदक के डॉक्यूमेंट की जांच होगी. फिर अप्रूवल के लिए आवेदन को जिला पशुपालन विभाग. यहां दस्तावेजों का पूरी तरह से सत्यापन के बाद किसान को गाय दे दी जाएगी.

पशुपालकों के खाते में सीधे जाता है पैसा

इस प्रक्रिया की सबसे खास बात ये है कि पशुपालन के लिए मिलने वाली धनराशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर प्रकिया के जरिए सीधे पशुपालक के खाते में आती है. बता दें कि इस योजना लाभ लेने वाले पशुपालकों को गायों की अच्छी तरह देखभाल करने की सलाह दी गई है. इसके लिए समय-समय पर अधिकारियों की तरफ से जांच की जाती है. सही तरीके से गायों की देखभाल नहीं करने वाले पशुपालकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.