यूपी सरकार की बढ़िया स्कीम, किसानों को इसलिए दिए जाते हैं 5 लाख रुपये, ऐसे करें आवेदन

यूपी सरकार किसानों को दुर्घटना का शिकार होने पर 5 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देती है. इसके अलावा 25 से 50 प्रतिशत की विकलांगता पर भी 1 से 2 लाख रुपये की राशि दी जाती है. अगर दुर्घटना में किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को आर्थिक मदद दी जाती है.

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना Image Credit:

उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य माना जाता है. यहां की तकरीबन 60 प्रतिशत जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए खेती-किसानी पर ही निर्भर हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार इन किसानों की बेहतरी के लिए तमाम तरह की योजनाएं चलाती रही है. मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना भी बिल्कुल इसी तरह की पहल है. यह योजना किसानों और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए बेहद अहम साबित हो रहा है. इस योजना के तहत खेती-किसानी करते वक्त दुर्घटना के शिकार किसानों को आर्थिक सहायता के तौर पर 5 लाख रुपये तक दिए जाते हैं.

उत्तर प्रदेश सरकार की  e-District वेबसाइट के मुताबिक दोनों दोनों हाथ-पैर खोने, एक हाथ और एक पैर खोने या फिर आंख की हानि होने पर अधिकतम 5 लाख मुआजवजा मिलता है. अगर खेती-किसानी के दौरान दुर्घटना के शिकार किसानों को 25% से 50% तक की विकलांगता पर भी 1 से 2 लाख रुपये की राशि दी जाती है. इसके अलावा अगर खेतों में काम करते हुए किसी किसान की मृत्यु हो जाती है तो भी उसके परिवार को 5 लाख की आर्थिक मदद की जाती है.

इन दुर्घटनाओं पर मिलती है आर्थिक सहायता

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत किसानों और उनके परिवार को पेड़ गिरने से चोट या मृत्यु, भूस्खलन , यात्रा के दौरान दुर्घटना, बिजली गिरने से नुकसान, बाढ़ में बह जाने पर, जानवर के काटने से नुकसान, करंट लगने से, आग में जलने पर, घर गिरने से चोट/मृत्यु, आतंकवादी हमले में, गड्ढे में गिरने पर, डकैती में हत्या जैसे मामलों पर आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाती है.

किन किसानों को मिलेगा इस योजना का लाभ

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ लेने के लिए किसान की उम्र 18 साल से 70 साल के बीच होनी चाहिए. इसके अलावा बंटाई या पट्टे पर खेती करने वाले किसान भी इस योजना के पात्र हैं. आवेदन करने वाले किसानों के पास खतौनी की सत्यापित कॉपी, रजिस्टर्ड पट्टे की सत्यापित कॉपी, बटाईदार के लिए कोई एक प्रमाण पत्र, जमीन के मालिक होने का प्रमाण पत्र के साथ-साथ उम्र प्रमाण पत्र, पता प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज होने बेहद जरूरी हैं.

कहां और कैसे करना होगा आवेदन

अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट e-District के जरिए आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए आपको इस वेबसाइट पर Registered User Login सेक्शन पर जाकर खुद को रजिस्टर करना होगा. इसके बाद मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना सहायता योजना पर क्लिक करना होगा. यहां आवेदन फॉर्म आपके सामने खुलकर आ जाएगा. इस दौरान आवेदन के लिए मांगी जानकारियां आपको भरनी पड़ेगी. फिर अपने डॉक्यूमेंट अपलोड कर सबमिट पर क्लिक कर दें. आपका आवेदन सरकार तक पहुंच जाएगा. फिर कृषि विभाग इसका सत्यापन कराकर आर्थिक राशि सीधे आपके खाते में भेज देगा.

ऑफलाइन भी कर सकते हैं आवेदन

अगर आप ऑनलाइन आवेदन करने में सहज नहीं है तो इस योजना के लिए ऑफलाइन आवेदन भी किया जा सकता है. इसके लिए दुर्घटना के 45 दिनों के आपको दुर्घटना से जुड़ी सारी जानकारी आवेदन फॉर्म में भरकर ज़िलाधिकारी कार्यालय में जमा करनी होगी. यहां से आवेदन को तहसील भेजकर सत्यापित कराया जाएगा. सत्यापन के बाद आवेदन को कृषि विभाग के पास भेज दिया जाएगा, जहां आपके खाते में आर्थिक राशि आपको भेज दी जाएगी.

किसानों के लिए सुरक्षा कवच है ये योजना

बता दें कि खेती-किसानी एक जोखिम भरा काम है. इसे करते हुए दुर्घटनाएं होने का खतरा बना रहता है. ऐसे में सरकार की मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना किसानों के लिए संबल का काम कर सकती है. दुर्घटना का शिकार होने के बाद भी किसान आर्थिक सहायता पाकर सामान्य जीवन जी सकता है. इसके अलावा यह योजना उसके परिवार के लिए भी सुरक्षा कवच साबित हो सकता है. किसान की मृत्यु के बाद आर्थिक मदद से उसके परिवार को राहत मिलेगी.