AI ट्रैफिक सिस्टम से लेकर ऑक्सीजन पार्क तक… लखनऊ को स्मार्ट राजधानी बनाने का मास्टर प्लान तैयार
यूपी सरकार लखनऊ को देश की सबसे बेहतर स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारी में है. इसके लिए मास्टर प्लान भी तैयार हो चुका है. इस प्लान में शहर में AI आधारित ड्रेनेज और ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली लागू करने का भी प्रस्ताव है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को देश की सबसे स्मार्ट और टेक्नोलॉजी आधारित राजधानी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. सरोजनीनगर से विधायक राजेश्वर सिंह ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर इस संबंध में एक मास्टरप्लान सौंपा है. इस मास्टरप्लान का उद्देश्य लखनऊ को सर्वश्रेष्ठ, व्यवस्थित और तकनीकी रूप से उन्नत राजधानी के रूप में स्थापित करना है.
इस मास्टरप्लान में लखनऊ को सिंगापुर और लंदन जैसे शहरों के मॉडल पर विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है. साथ ही राजधानी में AI आधारित ड्रेनेज और ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव है. यह शहर की बुनियादी समस्याओं जैसे जलभराव और यातायात जाम को कम करने में मदद करेगा.
शिवरी वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट का विस्तार
इसके अलावा शिवरी वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट का विस्तार का भी प्रस्ताव रखा गया है. इसके मौजूदा 700 मीट्रिक टन प्रतिदिन की क्षमता को बढ़ाकर 1200 मीट्रिक टन करने का लक्ष्य. साथ ही, “स्वच्छ लखनऊ पॉइंट्स” योजना के तहत नागरिकों को स्वच्छता के लिए प्रोत्साहन और पुरस्कार दिए जाने की बात भी कही गई है.
गोमती नदी पुनर्जनन और ग्रीन लखनऊ मिशन का भी जिक्र
विधायक राजेश्वर सिंह ने अपने प्रस्ताव में गोमती नदी को फिर से जीवन देने का बिंदू भी शामिल किया है. इसमें रीयल-टाइम सेंसर और ऑक्सीजन पार्क के निर्माण के माध्यम से गोमती नदी को स्वच्छ और जीवंत बनाने की योजना. इसके अलावा शहर में 10 अर्बन फॉरेस्ट, 50 ऑक्सीजन पार्क और रूफ-टॉप गार्डन विकसित करने का लक्ष्य, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा.
एआई-आधारित हेल्थ वॉच पोर्टल और मोबाइल क्लिनिक
नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल जाए इसके लिए मेडिकल फैसिलिटीज को तकनीक से जोड़कर नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी मास्टर प्लान में रखा गया है. मास्टर प्लान के लिए विधायक राजेश्वर सिंह ने सीएम योगी से एक “हाईलेवल डेवलेपमेंट रिव्यू कमेटी” गठित करने का आग्रह किया.
उन्होंने हाईलेवल डेवलेपमेंट रिव्यू कमेटी का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मुख्य सचिव को देने का सुझाव दिया है. यह कमेटी प्रत्येक तीन महीने में प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करें और इसकी रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री को सौंपे. इससे योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन और जवाबदेही सुनिश्चित होगी.