अब क्रिकेटर ही नहीं यूपी पुलिस के जवानों को भी देना होगा यो-यो टेस्ट, यहां जानें प्रकिया
यूपी पुलिस ने पहली बार जवानों यो-यो टेस्ट लागू करने का निर्णय लिया है. मुरादाबाद अकादमी में इस टेस्ट का ट्रायल शुरू भी हो चुका है. अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा. सभी जवानों के लिए इस टेस्ट को पास करना जरूरी होगा.

यूपी पुलिस अब फिटनेस के नए मापदंड स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है. राज्य सरकार ने फैसला किया है कि पुलिस प्रशिक्षण के दौरान ट्रेनिंग कर रहे जवानों को क्रिकेटरों की तरह यो-यो टेस्ट पास करना जरूरी होगा. यह टेस्ट 1 नवंबर से प्रदेश के सभी 112 प्रशिक्षण केंद्रों में शुरू होगा. मुरादाबाद की डॉ. भीमराव अंबेडकर पुलिस अकादमी जवानों का यो-यो टेस्ट आयोजित किया जाएगा.
यूपी पुलिस अपने जवानों को शारीरिक रूप से मजबूत बनाना चाहती है ताकि उनकी कार्यक्षमता में इजाफा हो और किसी भी तरीके के ऑपरेशन के लिए हमेशा तैयार रहें. यही वजह अब ट्रेनिंग कर रहे जवानों के लिए यो-यो टेस्ट आयोजित करने का फैसला लिया गया है.
यो-यो टेस्ट लागू करने का फैसला क्यों हुआ
अब तक पुलिस कर्मियों की शारीरिक क्षमता के आंकलन का तरीका पारंपरिक होता था. इसके लिए मैदान पर दौड़ लगवाया जाता था. लेकिन बढ़ती जिम्मेदारियों और शारीरिक सहनशक्ति की जरूरत को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने पहली बार यो-यो टेस्ट लागू करने का निर्णय लिया है. अधिकरियों ने बताया कि मुरादाबाद अकादमी में इस टेस्ट का ट्रायल शुरू हो चुका है और अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा.
यो-यो टेस्ट क्या है?
यो-यो टेस्ट एक वैज्ञानिक पद्धति है, जो एरोबिक फिटनेस और सहनशक्ति को मापती है. यह टेस्ट सुनिश्चित करता है कि प्रशिक्षु न केवल मानसिक रूप से मजबूत हों, बल्कि शारीरिक रूप से भी चुस्त और तैयार रहें. इसमें प्रशिक्षु को 20 मीटर की दूरी पर रखे दो कोन के बीच आगे-पीछे दौड़ना होता है.
प्रत्येक राउंड (आना-जाना) 40 मीटर का होता है. जैसे-जैसे टेस्ट का स्तर बढ़ता है, दौड़ की गति और राउंड की संख्या भी बढ़ती जाती है. जानकारों के अनुसार, इस टेस्ट में 23 स्तर होंगे, और अंतिम स्तर तक प्रशिक्षु को 182 राउंड (कुल 3640 मीटर) की दौड़ 28.45 मिनट में पूरी करनी होगी. टेस्ट के दौरान प्रत्येक प्रशिक्षु को 10 सेकंड का विश्राम मिलेगा. शुरुआती चार राउंड वार्मअप के लिए होंगे.
हर महीने देना होगा यो-यो टेस्ट
पुलिस अकादमी के अधिकारियों के मुताबिक इस टेस्ट को हर महीने आयोजित किया जाएगा. इससे प्रशिक्षुओं की शारीरिक स्थिति और सहनशक्ति की नियमित निगरानी हो पाएगी. अकादमी में दो हेल्थ कोच भी नियुक्त किए गए हैं, जो प्रशिक्षुओं की फिटनेस, आहार और प्रदर्शन पर नजर रखेंगे. विभाग यह भी विचार कर रहा है कि प्रशिक्षण के कुल अंकों में यो-यो टेस्ट के अंकों को शामिल किया जाए, ताकि जवान फिटनेस पर विशेष ध्यान दें.