यूपी में 9 डिग्री से नीचे पहुंचा तापमान, कई जिलों में घना कोहरा; IMD का अलर्ट जारी
उत्तर प्रदेश में अचानक से तापमान गिरकर 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. फिलहाल, हवाओं में गलन बढ़ गई है. साथ ही सुबह के वक्त ठीक-ठाक कोहरा भी नजर आ रहा है. इसके अलावा प्रदेश के कई प्रमुख शहरों में पॉल्यूशन की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है.
नवंबर का दूसरा सप्ताह शुरू हो चुका है. इस बीच तापमान में भी लगातार गिरावट हो रही है. सुबह के वक्त घना कोहरा नजर आ रहा है. कई जिलों में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. ऐसे में लोगों के लिए ठंड से बचने के लिए शॉल और स्वेटर निकालने का सही समय आ गया है. मौसम विभाग के मुताबिक 15 नवंबर से ठंड में और भी बढ़ोतरी होगी.
मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में आज न्यूनतम तापमान 10 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है. वहीं, अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के पास बना रहेगा. इसमें आने वाले दिन में और कमी भी देखी जा सकती है. हालांकि, दिन के वक्त आसमान में धूप खिली नजर आएगी, लेकिन इस दौरान चल रही हवाओं में ठीक-ठाक ठंडक महसूस होगी.
9 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया न्यूनत तापमान
मौसम विभाग के अनसार रविवार यानी 11 अक्टूबर को प्रदेश में सबसे कम तापमान इटावा में दर्ज हुआ.यहां न्यूनतम तापमान 8.4 डिग्री सेल्सियस रहा.कानपुर में भी मिनिमम टेंपरेचर 10 डिग्री पाया गया. इसके अलावा बुलंदशहर में 11, बरेली 11.1 और प्रयागराज में 12 डिग्री न्यूनतम तापमान रिकार्ड किया गया.
बहराइच रहा सबसे अधिक तापमान वाला जिला
अगर अधिकतम तापमान की बात करें तो सबसे ज्यादा टेंपरेचर बहराइच में 31.2 डिग्री दर्ज किया गया. फिर गोरखपुर में 30.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. इसके अलावा फुरसतगंज में 30.3, कानपुर में 30.2 और प्रयागराज में 29.8 डिग्री सेल्सियस मैक्सिमम टेंपरेचर पाया गया.
नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ में पॉल्यूशन की स्थिति गंभीर
राज्य के कई प्रमुख शहरों में प्रदूषण की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है. नोएडा में पीएम 2.5 का एक्यूआई इंडेक्स 394 पाया गया. वहीं, गाजियाबाद में यह स्तर 383, कानपुर में 182, मेरठ में 348, लखनऊ में 183 और वाराणसी में 116 एक्यूआई इंडेक्स दर्ज किया गया.
अस्पतालों में श्वसन मरीजों की संख्या में होगी बढ़ोतरी
ठंड के साथ-साथ पॉल्यूशन का जो लेवल है, यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. आने वाले दिनों में अगर यही स्थिति बनी रही तो अस्पतालों में श्वसन मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है. एयर क्वालिटी खराब श्रेणी में होने पर सांस लेने में समस्या हो सकती है. फेफड़े, अस्थमा और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी महसूस हो सकती है.सबसे जरूरी है कि घर से बाहर निकलते वक्त अपने साथ मास्क जरूर रखना चाहिए.
