सिस्टम के आगे हिम्मत हारा! मंदिर में पूजा की और कमंडल में रखे पेट्रोल से लगा ली आग
वाराणसी के राजातालाब से शुक्रवार को एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां एक 58 वर्षीय पुजारी वशिष्ठ नारायण ने सिस्टम के आगे हिम्मत हारकर आत्मदाह का प्रयास किया. वह अपने गांव के लेखपाल और प्रधान से परेशान थे. अधिकारियों से लेकर डीएम तक गुहार लगाने पर भी न्याय नहीं मिला, तो उन्होंने मंदिर में […]

वाराणसी के राजातालाब से शुक्रवार को एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां एक 58 वर्षीय पुजारी वशिष्ठ नारायण ने सिस्टम के आगे हिम्मत हारकर आत्मदाह का प्रयास किया. वह अपने गांव के लेखपाल और प्रधान से परेशान थे. अधिकारियों से लेकर डीएम तक गुहार लगाने पर भी न्याय नहीं मिला, तो उन्होंने मंदिर में खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा ली है.
पुजारी वशिष्ठ नारायण गौड़ ने आज दोपहर राजातालाब तहसील परिसर में ही आत्मदाह का प्रयास किया. उन्हें तहसील परिसर में स्थित नर्मदेश्वर मंदिर में जोर जोर से पूजा करते देखा गया. उसके बाद उन्होंने कमंडल में रखे पेट्रोल छिड़क कर खुद को आग लगा ली. आग लगने पर वह बूरी तरह से झुलस गए हैं. तहसील कर्मियों ने उन्हें तत्काल बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया है.
हमें न्याय नहीं मिला, तो क्या करें?
पुजारी वशिष्ठ नारायण का आरोप है कि वह अपने गांव के लेखपाल और ग्राम प्रधान से काफी परेशान है .वे बार-बार उसके आवेदन पर गलत रिपोर्ट लगा रहे थे. पुजारी का कहना था कि तहसीलदार से भी निवेदन कर भूमिहीन होने के कारण भूमि आवंटन की मांग की थी, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई. दर्द से कराहते हुए उन्होंने कहा हमें न्याय नहीं मिला, तो क्या करें?
उन्होंने कहा, ‘हमारा केस हर जगह से खारिज हो गया था. डीएम के यहां हमारे परिचित जगदीश जी लेकर गए. वहां भी न्याय नहीं मिला. पैसे भी वापस करा दिए. मुझे न्याय नहीं मिला. मैं बहुत परेशान हूं. अधिकारी जांच नहीं करते, पैसा चाहते हैं. हमें हाईकोर्ट भेज रहे है, मेरे पास पैसे नहीं है, मैं कैसे हाईकोर्ट जाऊं. हमको बहुत तकलीफ दी गई है.’
वाराणसी की एडीएम ने क्या कुछ कहा?
वाराणसी की एडीएम वित्त एवं राजस्व वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि ‘ बशिष्ठ नारायण मिर्जामुराद के जोगापुर के रहने वाले हैं. उन्होंने जोगापुर में नवीन परती की ग्राम सभा भूमि पर अवैध अतिक्रमण किया था. भूमि पर पानी टंकी के निर्माण के क्रम में बेदखली का आदेश पारित किया गया. यह कोर्ट का फैसला था. इसके बाद उनकी अपील को भी खारिज कर दिया गया था.
उल्लेखनीय हैं कि बशिष्ठ नारायण के तीन पुत्र हैं. इनका एक मकान जोगापुर में हैं. साथ ही करीब 19 एकर भूमि भी जोगापुर में हैं. इस घटना के बाद बशिष्ठ नारायण को बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है. जहां वर्तमान में उनका इलाज वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में किया जा रहा है.