वाराणसी के शिया इमामबाड़ा पर हिंदू पक्ष का दावा, कहा है ये आसित ऋषि का आश्रम
वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित शिया इमामबाड़ा को लेकर हिन्दू और शिया समुदाय के बीच विवाद देखने को मिला.यहां पर विवाद की वजह कुआं है. उनकी तरफ से इसे हिंदू पक्ष असित तीर्थ और असितेश्वर महादेव का प्राचीन स्थल बताया गया है, जबकि शिया पक्ष इसे इमामबाड़ा की वक्फ संपत्ति का हिस्सा मानता है.
उत्तर प्रदेश के वाराणसी के दुर्गाकुण्ड स्थित शिया इमामबाड़ा को लेकर हिन्दू पक्ष और शिया मुस्लिम आमने-सामने हैं. दोनों के बीच विवाद की वजह एक कुआं है. इसके सामने आने के बाद अब हिन्दू पक्ष ने अपना पक्ष सामने रखा है. सनातन हिन्दू रक्षक दल ने इस इमामबाड़े को अति प्राचीन असित ऋषि का आश्रम बताया है. उनकी तरफ से पौराणिक महत्व के असितेश्वर महादेव के स्थापित होने की बात कही है. सनातन रक्षक दल के अजय शर्मा ने टीवी 9 को बताया कि जिसको कुआं कहा जा रहा है वो वास्तव में असित तीर्थ है.
लिंग पुराण, पद्म पुराण और स्कन्द पुराण के साथ साथ काशी खंड में इसका वर्णन है कि मां दुर्गा के पश्चिम में असित तीर्थ है जहां असितेश्वर महादेव विराज मान हैं. यहां स्नान और आचमन करने से सिद्धियों की प्राप्ति की बात कही गई है. सनातन रक्षक दल नगर निगम से ये मांग कर रहा है कि इस पूरे इलाके पर से अवैध कब्जा हटाए और इसके प्राचीन स्वरुप वापस लौटाने पर काम करे. इमामबाड़ा के अंदर ऐसी अभी कई चीज़ें मौजूद हैं जो असित तीर्थ होने के कई प्रमाण अपने अंदर समेटे हैं.
कुएं को लेकर जबरदस्ती विवाद किया जा रहा
इमामबाड़ा के नायब मुतवल्ली साजिद हुसैन ने टीवी 9 डिजिटल को बताया कि ये कुआं भी जिसको लेकर जबरदस्ती विवाद किया जा रहा है. इमामबाड़ा वक़्फ़ की ही सम्पत्ति है. शिया वक़्फ़ बोर्ड में वक़्फ़ संख्या टी. 2048ए के नाम से दर्ज है. कदीमी शिया इमामबाड़ा वक़्फ़ शमसुदौला करीब साढ़े चार सौ साल से इमामबाड़ा के रूप में है. इसको लेकर इमामबाड़ा और नगरनिगम के बीच कोर्ट में मुकदमा भी चल रहा है.
पूर्व में भी वीडीए ने इमामबाड़ा के कुछ हिस्सों को गिराया था जिसे बाद में अपनी ग़लती मानते हुए वीडीए द्वारा उसे फिर से बनाए जाने के लिए मुआवजा भी दिया गया था. अब एक बार फिर से नगर निगम बिना किसी कानूनी आधार के ये दुष्प्रचार कर रहा है कि ये सम्पत्ति नगर निगम की है. हमने प्रशासन को इमामबाड़ा और वक़्फ़ से जुड़े पेपर दिखा दिए हैं.
इस इलाके के पार्षद अक्षयवर सिंह का दावा है कि ये इमामबाड़ा वार्ड संख्या 25 में आता है और ये नगर निगम की ही सम्पत्ति है. नगर निगम के दस्तावेज में ये गोवाबाई तालाब के नाम से अंकित है. इधर वाराणसी प्रशासन ने इसपर अंतिम निर्णय नगर निगम को लेने की बात कही है. एडीएम सिटी ने बताया कि चूंकि ये मामला नगर निगम और इमामबाड़ा के बीच है और इमामबाड़ा के मुतवल्ली ने जो राजस्व से जुड़े पेपर नगरनिगम को दिखाए हैं उससे वो कितना संतुष्ट हैं ये वही बताएंगे. नगर निगम जो भी फैसला लेगा प्रशासन उसका अनुपालन कराएगा.