यूपी के दो युवक जासूसी के आरोप में केरल और कर्नाटक में गिरफ्तार, पाकिस्तान भेज रहे थे गोपनीय जानकारी
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के दो संदिग्ध जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं. दोनों युवक को कर्नाटक और केरल से पकड़ा गया है. इन पर देश के खिलाफ जासूसी और गोपनीय जानकारी पाकिस्तान को भेजने का आरोप है. दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है, पुलिस आगे की जांच में जुटी है.
सुल्तानपुर, यूपी के दो संदिग्ध जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं. एक कर्नाटक के उडुपी जिले से जबकि दूसरा केरल के कोच्चि से पकड़ा गया है. इन पर देश के खिलाफ जासूसी और गोपनीय जानकारी पाकिस्तान को भेजने का आरोप है. इन दोनों ने शिपयार्ड की गोपनीय जानकारी, जैसे जहाज निर्माण और पोत संख्या पाकिस्तान के नंबरों पर सेंड की है.
गिरफ्तार किए गए युवकों की पहचान रोहित (29) और संत्री (37) के रूप में हुई है. रोहित सुल्तानपुर के गोसाईगंज थाना के भटपुरा स्थित अनंत राम पुरवा गांव का रहने वाला है. पुलिस ने उसे कर्नाटक के उडुपी से हिरासत में लिया. रोहित जिले में स्थित शिपयार्ड पर पिछले कई सालों से काम करता था. और इंसुलेटर के पद पर तैनात था.
पिता की जगह शिपयार्ड में काम कर रहा था रोहित
उडुपी पुलिस ने बृहस्पतिवार को दोनों को जासूसी में शामिल होने के आरोप में हिरासत में लिया. रोहित के पिता भी उडुपी शिपयार्ड में काम करते थे. कुछ साल पहले उनके पिता की मौत हो गई थी जिसके बाद रोहित वहां रहकर काम करने लगा. पिछले दिनों रोहित घर आया हुआ था, उस समय भी कर्नाटक पुलिस उससे पूछताछ करने आई थी.
रोहित के घर सुलतानपुर पहुंचे कर्नाटक पुलिस ने पहले कंपनी का एम्पलाई बताकर उससे पूछताछ शुरू की, बाद में पता लगा कि वे कर्नाटक पुलिस से हैं. जिसके बाज वे लोग रोहित को अपने साथ ले गए थे. परिवार का दावा है कि उसने अनजाने में कंपनी का कर्मचारी समझकर यह जानकारी पाकिस्तान के नंबर पर साझा की थी.
किसी लड़की ने मांगी थी गोपनीय जानकारी- परिवार
परिवार की माने तो रोहित से किसी लड़की ने कंपनी का सुपरवाइजर बता कर व्हाट्सएप पर गोपनीय जानकारी ली थी, जिसमें जहाज निर्माण, पोत संख्या सहित अन्य कई गोपनीय जानकारियां थी. रोहित ने कर्मचारी समझकर जानकारियां पाकिस्तान के नंबर पर भेजा था. इस बात की जानकारी लगते ही पुलिस ने रोहित का मोबाइल भी जब्त कर लिया गया था.
रोहित यहां पहुंचा तो पत्नी के दबाव बनाने पर उसने ये जानकारी साझा की थी कि अनजाने में कंपनी का एम्प्लॉई समझ कर उसने जानकारी दी थी. आज पता लगा कि उसे इसी मामले में जेल भेज दिया गया जिसके बाद परिवार वालों का रो रोकर बुरा हाल है. वहीं, पुलिस जांच में लगी है कि जासूसी कब से चल रही थी, इसके पीछे क्या कोई संगठित नेटवर्क है?
