
दलित वोट की लड़ाई, BSP से ‘सपा Vs BJP’ तक आई!
9 अक्टूबर को हुई मायावती की महारैली के बाद अब उत्तर प्रदेश का सियासी माहौल ही बदलता दिखाई दे रहा है. कांशीराम की पुण्यतिथि पर बुलाई गई बसपा सुप्रीमो की इस रैली के बाद सियासी दलों की शैली भी बदलती दिख रहा है. दलित वोटों के दंगल में अपना दांव चल रही समाजवादी पार्टी पर बसपा सुप्रीमो मायावती दोगले और छलावे जैसे वार कर दलितों को सावधान करती दिंखीं. सोलह आने सच है कि, यूपी में जातियों की जमात सत्ता का समीकरण सिद्ध करने में बड़ी भूमिका निभाती है. दलित वोटों की फेहरिस्त में तो ये समीकरण और भी सफल है. ऐसे में दलित वोटों पर सजे इस दंगल में सवाल यही है कि, क्या अब दलित वोटों की लड़ाई बसपा के अलावा सपा और बीजेपी तक भी आई. सवाल ये भी है कि, इस दंगल में किसका दांव ज्यादा दमदार ?