‘मेरी नजर में उनकी अहमियत है’, अचानक मायावती की तारीफ क्यों करने लगे आजम खान?

आजम खान ने बसपा सुप्रीमो मायावती की प्रशंसा कर यूपी की राजनीति में हलचल मचा दी है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात के बावजूद, आजम खान ने मायावती को 'बड़े जनसमूह की नायक' बताया. यह कदम ऐसे समय आया है जब मायावती सपा और अखिलेश यादव पर हमलावर हैं.

आजम खान और BSP चीफ मायावती

समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व सांसद आजम खान जेल से निकलने के बाद सुर्खियों में हैं. हाल में उनसे सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुलाकात की थी. जिसमें दोनों ने आपस में गिले-शिकवे न होने की बात भी कही थी. इस बीच अब आजम खान ने बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती की प्रशंसा की है.

आजम खान ने कहा कि वो मायावती का सम्मान करते हैं. वो ही नहीं पूरा देश उनका बहुत सम्मान करता है. उन्होंने कहा, ‘वो मुख्यमंत्री रहीं, नहीं रहीं. इससे कोई लेना देना नहीं है. लेकिन वह एक बड़े जनसमूह की नायक हैं. हम उनकी इज्जत करते हैं. अगर उन्हें कोई खबर मिली है, जिससे दुख पहुंचा हो, मुझे इसके लिए अफसोस है.’

‘वो बड़ी सियासतदान, मैं छोटा कार्यकर्ता हूं’

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बीते दिन लखनऊ के मेगा रैली में अखिलेश यादव और सपा पर जमकर निशाना साधा था. इसके एक दिन बाद ही आजम खान द्वारा मायावती की तारीफ करना एक बड़ा संकेत भी माना जा रहा है. क्योंकि उन्होंने मायावती के सपा पर हमला करने के सवाल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

उन्होंने मायावती के साथ पुराने रिश्तों को याद करते हुए कहा, ‘उनकी अहमियत पर मेरी नजरों में कोई कमी नहीं है. वो बड़ी सियासतदान, मैं छोटा कार्यकर्ता हूं. वो जब रामपुर आईं थी तो मेरी मेहमान भी थी. उन्होंने महसूस किया होगा कि उनके साथ मेरा कैसे रिश्ता रहा. मेरा कांशीराम जी से अच्छा रिश्ता रहा हैं. वो रोज सुबह चार बजे मेरे घर आते थे.’

‘हम कभी भी जरूरत होगी तो मिल ही सकते हैं’

हाल में 23 महीने बाद सीतापुर जेल से बाहर निकले आजम खान ने कहा, ‘ऐसा नहीं हो सकता है कि मैं कोई ऐसी बात कहूं जो दुख का कारण बने. ऐसा नहीं है कि हम राजनीतिक कारणों से ही मिले. हम मायावती जी से कभी भी जरूरत होगी तो मिल ही सकते हैं. मैं उनका शुक्रिया अदा भी करता हूं कि उन्होंने कोई ऐसी बात नहीं कहीं, जिससे मुझे ठेस पहुंच सकता हो.’

इस दौरान आजम खान ने मायावती द्वारा अखिलेश यादव पर हमला करने के सवाल से किनारा कर लिया. साथ ही काशीराम स्मारक पार्क वाले मायावती के आरोप पर कहा कि, लखनऊ में कौन सा पार्क कहा था अब कहां है, ये नहीं मालूम. लेकिन अगर हम सत्ता में आते हैं, तो हम चाहेंगे कि उनकी शिकायतों का समाधान हो सके.