यूपी में बेलगाम अफसर; मंत्री से लेकर मेयर कह रही हैं- CM योगी से करूंगी शिकायत

उत्तर प्रदेश में अफसरों की लापरवाही से मंत्री से लेकर पार्षद तक परेशान हैं. बड़े अधिकारी बैठकों में नहीं आते और फोन नहीं उठाते. बीते दिनों योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य इसपर नाराजगी जताई थी. वहीं, अब लखनऊ नगर निगम में मेयर सुषमा खर्कवाल ने अफसरों की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाए हैं.

मेयर सुषमा खर्कवाल और मंत्री बेबी रानी मौर्य

उत्तर प्रदेश में मंत्रियों से लेकर विधायकों और पार्षदों तक, अफसरों की लापरवाही और रवैये से परेशान हैं. जनता ही नहीं, सूबे के भाजपाई और कैबिनेट मंत्री भी नौकरशाही से त्रस्त हैं. बड़े अधिकारी न तो बैठकों में आते हैं और न ही फ़ोन उठाने की जहमत उठाते हैं. अब तो मंत्री से लेकर पार्षद तक, सभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी शिकायत करने की चेतावनी दे रहे हैं.

योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य तो कभी बीजेपी विधायकों को इसका सामना करना पड़ता है. गुरुवार सुबह लखनऊ नगर निगम में लापरवाही पर मेयर सुषमा खर्कवाल भी भड़क गई. औचक निरीक्षण के दौरान चार अपर नगर आयुक्तों में से तीन, 3 उप आयुक्त, चीफ इंजीनियर समेत कई अफसर गायब मिलें. इस पर उनका गुस्सा फूट पड़ा और सीएम योगी से शिकायत की बात कह दी.

मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत करूंगी- मेयर

औचक निरीक्षण के दौरान महापौर सुषमा खर्कवाल ने अटेंडेंस रजिस्टर चेक किया तो बड़ी संख्या में हस्ताक्षर गायब थे. नाराज मेयर ने रजिस्टर जब्त कर लिया और साफ चेतावनी दी, ‘अफसर फील्ड पर जाने या मीटिंग का हवाला देकर गायब हो जाते हैं. इससे आम लोग परेशान हैं. अब कार्रवाई होगी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इसकी शिकायत करूंगी.’

सुबह करीब 11 बजे महापौर सुषमा खर्कवाल लालबाग स्थित मुख्यालय पहुंचीं. जब अफसरों के चैंबरों का जायजा लिया तो नगर आयुक्त को छोड़कर कोई बड़ा अफसर मौजूद नहीं था. चार पीसीएस अफसरों में से तीन गैरहाजिर थे, जबकि कई कर्मचारी भी लापता दिखे. मैयर ने गैरहाजिर अधिकारियों से लिखित स्पष्टीकरण मांगा और रिपोर्ट शासन को भेजने की बात कही.

मंत्री बेबी रानी को बैठक करना पड़ा था स्थगित

योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य को भी इसका सामना करना पड़ा है. बेबी रानी मौर्य ने आगरा के विकास भवन में 8 सितंबर को किसानों के साथ बैठक बुलाई, लेकिन इसमें कई अधिकारियों की गैरमौजूदगी रही. वह करीब दो घंटे तक इंतजार करती रहीं. इसके बाद बैठक स्थगित कर दिया और कहा कि ये लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

यहां तक की कृषि विभाग के अधिकारियों भी बैठक में शामिल होने नहीं पहुचे. जबकि यह बैठक किसानों की समस्या को लेकर थी. मंत्री ने इसके साथ ही चेतावनी दी कि वह इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करेंगी. यह बेहद गंभीर मुद्दा है, इसको लेकर शासन को लिखित तौर पर रिपोर्ट भेजूंगी.

भाजपा नेताओं और नौकरशाहों के बीच सत्ता संघर्ष

यूपी में अफसरशाही से पीड़ित मंत्री, विधायक और नेताओं की लिस्ट बड़ी लंबी है. विपक्ष को तो छोड़िए भाजपा नेताओं और नौकरशाहों के बीच एक सत्ता संघर्ष चल रहा है. इसमें कई ऐसे अधिकारी भी शामिल हैं जिन्हें सीएमओ के करीबी माना जाता है. कई नेताओं का आरोप है कि ये मुख्यमंत्री के आदेश भी नहीं मानते, इससे सरकार को नुकसान हो रहा है.