प्रयागराज से लखनऊ तक…माफियाओं की जमीन पर गरीबों का आशियाना; योगी सरकार का ‘बुलडोजर जस्टिस’
सीएम योगी आदित्यनाथ अपने पहले ही कार्यकाल से माफियाओं के खिलाफ सख्त रहे हैं. इसको लेकर उनकी बुल्डोजर जस्टिस वाली नीति काफी चर्चा रही है. इसी कड़ी में सीएम योगी ने पहले प्रयागराज में अतीक के अवैध कब्जे वाली जमीन पर गरीबों को आशियाना दिया था. अब लखनऊ में मुख्तार के कब्जे से मुक्त कराई गई भूमि पर फ्लैट्स बनवाकर लाभार्थियों को आज उसकी चाबियां सौंपी हैं.
पूर्वांचल के कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी की अवैध कब्जे वाली प्राइम लोकेशन की जमीन पर आज 72 गरीब परिवारों को नया घर मिल गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी आवास के सामने एकता वन में आयोजित भव्य समारोह में इन फ्लैट्स की चाबियां लाभार्थियों को सौंपते हुए कहा, “माफिया किसी का नहीं होता, वह गरीबों का शोषण करता है. लेकिन अब युग बदल चुका है. जो जमीन माफियाओं की गोद में थी, वह अब गरीबों की गोद में है”.
जानकारों का मानना है कि यह केवल एक आवासीय योजना का उद्घाटन नहीं, बल्कि योगी सरकार के ‘माफिया-विरोधी अभियान’ का एक और मील का पत्थर है. बिहार चुनाव से ठीक एक दिन पहले बजी ‘मास्टरस्ट्रोक’ की घंटी की तरह गूंज रहा है. लखनऊ का हृदयस्थल माने जाने वाले हजरतगंज के पॉश डालीबाग इलाके में स्थित यह लगभग 2,322 वर्ग मीटर की जमीन लंबे समय से मुख्तार अंसारी के गिरोह के कब्जे में थी.
बिहार के मतदाताओं को लुभाएगा योगी का यह मास्टरस्ट्रोक?
यह आवंटन महज संयोग नहीं लगता है. कल, 6 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण है, जहां योगी भाजपा के स्टार प्रचारक हैं. वे 20 रैलियों में इस ‘अद्भुत टाइमिंग’ को गिनाएंगे. लखनऊ से पटना की दूरी महज 500 किलोमीटर है, लेकिन ऐसे फैसलों की गूंज सीमाओं से परे जाती है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह ‘मास्टरस्ट्रोक’ बिहार के मतदाताओं को योगी मॉडल का एहसास दिलाएगा, जहां माफिया का राज खत्म होकर सुशासन का सूरज उगता है. यह केवल आवंटन नहीं, एक संदेश है. अपराधी को सजा, गरीब को सम्मान. इसका लाभ बीजेपी को बिहार चुनाव में मिल सकता है.
2020 में मुख्तार अंसारी के कब्जे मुक्त कराई थी जमीन
2020 में योगी सरकार ने बुलडोजर की ताकत के जरिए कार्रवाई करते हुए इसे मुख्तार अंसारी से मुक्त कराया था. लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने इसकी कीमत करीब 100 करोड़ रुपये आंकी थी. इस जमीन पर ‘सरदार वल्लभभाई पटेल आवासीय योजना’ के तहत तीन जी+3 मंजिला ब्लॉक बनवाए गए हैं. इनमें 72 ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) फ्लैट हैं. प्रत्येक फ्लैट 36.65 वर्ग मीटर का है. इसकी कीमत 10.70 लाख रुपये रखी गई है. यह योजना प्रधानमंत्री आवास योजना से प्रेरित है, जो निर्धन परिवारों को सस्ते दामों पर पक्का घर उपलब्ध कराने का वादा करती है.
फ्लैट की चाबी पाकर भावुक हुई महिला लाभार्थी
समारोह की शुरुआत मंगलवार यानी 04 अक्टूबर को हुई लॉटरी से हुई. इन फ्लैट्स के लिए 4 अक्टूबर से 3 नवंबर तक चले ऑनलाइन पंजीकरण में करीब 8,000 लोगों ने हिस्सा लिया. लॉटरी में चुने गए 72 परिवारों को आज सीएम योगी ने मंच पर चाबियां सौंपीं. एक महिला लाभार्थी ने आंसुओं से भरी आंखों से कहा, “हम जैसे गरीबों के लिए यह सपना ही था कि हजरतगंज जैसे इलाके में अपना घर हो. मुख्तार साहब के जमाने में तो यह इलाका डर का पर्याय था, अब खुशहाली का.” महिला ने बताया कि वह हजरतगंज में ही मजदूरी करती हैं और उनका परिवार किराए के मकान में गुजारा कर रहा था.
मुख्तार अंसारी गिरोह के 292 सदस्यों की संपत्तियां जब्त
मुख्तार अंसारी अपने जीवन में अधिकांश समय अपराध, हत्या और जबरन वसूली के आरोपों से घिरा रहा. पूर्व राजनेता के रूप में भी उसकी पहचान होती है. उसके गिरोह के 292 सदस्यों की संपत्तियां जब्त हो चुकी हैं. अब तक जब्त की गई संपत्तियों की कीमत 600 करोड़ रुपये से अधिक है. 2023 में प्रयागराज में अतीक अहमद की जमीन पर गरीबों के लिए घर बनाने के बाद यह दूसरा बड़ा उदाहरण है.
सीएम योगी ने माफियाओं को मिट्टी में मिला देने का वादा किया पूरा
योगी सरकार ने मुख्तार के अवैध निर्माण को ध्वस्त कर इस जमीन को ‘शत्रु संपत्ति’ (पाकिस्तान चले गए लोगों की) के रूप में पहचाना और एलडीए को सौंप दिया. एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया, “यह सीएम योगी की अपराध पर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी का परिणाम है. माफिया की जमीन अब समाज के अंतिम व्यक्ति की हो गई. सीएम योगी ने अपने संबोधन में स्पष्ट चेतावनी दी थी कि माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे. यह वादा नहीं, कार्रवाई है. बुलडोजर का संदेश अलग है. लेकिन ऐसी योजनाएं भरोसा जगाती हैं”.
एक और योजना भी की गई लॉन्च
कार्यक्रम कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर हुआ, जिसे सीएम योगी आदित्यनाथ ने ‘भाग्यशाली’ बताया. साथ ही अटल नगर (पारा क्षेत्र में) नामक दूसरी योजना भी लॉन्च की गई, जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित है, जो भाजपा सरकारों के लिए सुशासन की प्रेरणा हैं.
अब तक 50,000 एकड़ से अधिक जमीन माफियाओं के कब्जे से मुक्त
इन फ्लैटों में आधुनिक सुविधाएं जैसे वाटर हार्वेस्टिंग, पार्किंग और सामुदायिक केंद्र हैं, जो इन्हें सामान्य ईडब्ल्यूएस आवास से अलग बनाते हैं. योगी सरकार का दावा है कि अब तक 50,000 एकड़ से अधिक जमीन माफियाओं के कब्जे से मुक्त हो चुकी है. कई अन्य योजनाएं पाइपलाइन में हैं, जैसे गाजीपुर और मिर्जापुर में मुख्तार के अन्य संपत्तियों पर निर्माण. लेकिन चुनौतियां बाकी हैं. कानूनी अड़चनें और माफिया समर्थकों का विरोध. फिर भी, आज का दिन इतिहास गवाह है कि कैसे एक सरकार ने अपराध की छाया को हटाकर उम्मीद की रोशनी जलाई.
