भक्तों के लिए नियम, लेकिन ADG के लिए नहीं… मैडम ने बांके बिहारी मंदिर में बनाई वीडियो; छिड़ा विवाद

मथूरा के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में फोन के इस्तेमाल पर रोक है. मंदिर प्रबंधन ने फोन या वीडियो बनाने को लेकर सख्त प्रतिबंध लगाया है. ऐसे में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) अनुपमा कुलश्रेष्ठ के मंदिर में वीडियो बनाने को लेकर विवाद छिड़ गया है.

मंगला आरती में ADG ने बनाए वीडियो

श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मथुरा के प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में बड़े धूम-धाम से माना गया. महा अभिषेक होने के बाद मंदिर के पट खोले गए और मंगला आरती हुई. जो साल में एक ही बार होती है. मंदिर परिसर में लाखों की तादाद में श्रद्धालु थे. इस बीच एडीजी अनुपमा कुलश्रेष्ठ को वीडियो बनाते देखा गया.

मंदिर में एडीजी अनुपमा कुलश्रेष्ठ द्वारा वीडियो बनाने की घटना वायरल हो गई. अब इसपर विवाद छिड़ गया है. मंगला आरती में एडीजी ने खुद वीडियो बनाया, जबकि आम भक्तों को प्रतिबंधित था. इससे भक्तों में आक्रोश है, क्योंकि वीआईपी पहुंच के चलते अधिकांश भक्त आरती से वंचित रहे. धर्म रक्षा संघ ने भी प्रशासन पर सवाल उठाए हैं.

ADG ने अपने मोबाइल से बनाया वीडियो

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में वर्ष में सिर्फ एक ही बार मंगला आरती होती है जिस आरती का दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु वृंदावन आते हैं. इस बार मंगला आरती के लिए पुलिस प्रशासन ने 500 से 600 लोगों के लिए पास जारी किए थे. वहीं आरती में सबसे ज्यादा पुलिसकर्मी और अधिकारी दिखाई दिए.

ऐसे में वहां पुलिस लाइन की सबसे बड़ी ऑफिसर एडीजी का वीडियो बनाना हैरान करने वाला है. जब मंगला आरती का समय हो रहा था तब एडीजी अनुपमा कुलश्रेष्ठ बांके बिहारी मंदिर के प्रांगण में पहुंची थीं. जहां वह खुद ही अपने मोबाइल से वीडियो बनाने लग गई जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

जब ADG ने नियम तोड़ा, तो आम आदमी क्यों माने?

लोगों का कहना है कि जब पुलिस विभाग की इतनी बड़ी अफसर होकर एडीजी बांके बिहारी महाराज के मंदिर में वीडियो बनाती हुई दिखाई दी हैं, जो की मंदिर के अंदर पूरी तरह प्रतिबंध है तो आम आदमी क्यों माने? साथ ही लोगों का सवाल है कि जब पास 500 लोगों को मिला तो मंदिर में हजारों की संख्या में कौन थे?

वही इन सबके बीच धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने भी घटना पर आपत्ति जताई है. उन्होंने मंदिर के सरकारीकरण की आशंका जताई. साथ ही मंगला आरती में प्रशासन द्वारा बृजवासी को पास नहीं देने की निंदा की. उन्होंने कहा कि आरती में पुलिस अधिकारी अपने-अपने चाहने वाले को लेकर आए थे जो की बिल्कुल उचित नहीं था.