‘मेरा दलित होना है ध्वजारोहण में न बुलाने का कारण’, अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद का बड़ा बयान

अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर भव्य ध्वजारोहण समारोह एक बड़े उत्सव के रुप में आयोजित हुई. पीएम मोदी और RSS चीफ मोहन भागवत ने अभिजीत मुहूर्त में बटन दबाकर ध्वजा फहराया. वहीं, अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने समारोह में नहीं बुलाए जाने पर बड़ा बयान दिया है.

अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद (फाइल फोटो) Image Credit: PTI

रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर मंगलवार को सुबह ठीक 11 बजकर 50 मिनट पर ध्वजा फहराया गया. कार्यक्रम में 7000 से ज्यादा अतिथियों को आमंत्रित किया गया था. इस बीच अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद ने राम मंदिर ध्वजारोहण में न बुलाए जाने पर अपनी दलित पहचान को कारण बताया है.

समाजवादी पार्टी सांसद ने कहा कि रामलला के दरबार में धर्म ध्वजा स्थापना कार्यक्रम में मुझे न बुलाए जाने का कारण मेरा दलित समाज से होना है. यह राम की मर्यादा का नहीं, किसी की संकीर्ण सोच का परिचायक है. उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में कहा, ‘राम सबके हैं. मेरी लड़ाई किसी पद या निमंत्रण की नहीं, सम्मान, बराबरी और संविधान की मर्यादा की है.’

एक दिन पहले कहा- नहीं बुलाया तो कैसे जा सकता हूं

सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने सोमवार को भी इसपर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि, ‘अभी तक मुझे कोई निमंत्रण नहीं मिला है. इसलिए मैं कैसे जा सकता हूं, लेकिन अगर मुझे निमंत्रण मिला तो मैं जरूर जाऊंगा. बिना देर किए नंगे पांव दौड़ते हुए मैं ध्वजारोहण कार्यक्रम में जाऊंगा.’

अवधेश प्रयास के सहारे कांग्रेस का भी दलित कार्ड

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद भी अवधेश प्रसाद को कार्यक्रम में न बुलाए जाने पर सवाल किया है. उन्होंने कहा, ‘अयोध्या सांसद को नहीं बुलाना दुर्भाग्य है. उन्हें इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि वह दलित हैं.’ सहारनपुर से कांग्रेस सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन पर भी लोकल एमपी को नहीं बुलाना ‘इससे ज्यादा दुखदायी क्या हो सकता है’.

पीएम मोदी ने रखी थी मंदिर की नींव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की नींव 5 अगस्त 2020 को रखी थी. इसके बाद पीएम मोदी ने 22 जनवरी 2022 को राम मंदिर का उद्घाटन किया था. हालांकि, उस समय मंदिर के बाकी हिस्से का निर्माण किया जा रहा था इसलिए धर्म ध्वजा नहीं फहराया गया था. अब मंदिर का निर्माण करीब-करीब पूरा हो गया है, जिसके बाद अब धर्म ध्वजा फहराया गया.