रामलला की दिव्य श्रृंगार आरती देखी क्या? नहीं तो यहां कीजिए लाइव दर्शन; Video

अयोध्या के राम मंदिर में प्रतिदिन होने वाली रामलला की दिव्य श्रृंगार आरती नहीं देखा तो चिंता की बात नहीं. हम आप के लिए भगवान का लाइव दर्शन लेकर आए हैं. भगवान की रोज सुबह 6:30 बजे श्रृंगार आरती, दोपहर 12 बजे भोग आरती, और शाम 7:30 बजे संध्या आरती होती है. विभिन्न मौसमों और दिनों के अनुसार भगवान को अलग-अलग वस्त्र और भोग अर्पित किए जाते हैं.

रामलला की आरती

साढ़े 500 वर्षों के इंतजार के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में ना केवल अपने बाल स्वरुप (राम लला) और अपने वयस्क स्वरुप राजा राम के रूप में विराजमान हो चुके हैं. भगवान के स्वरुप के मुताबिक रोज उनकी दिव्य श्रृंगार और भव्य आरती होती है. जिसे देखने के लिए रोजाना सैकड़ों की तादात में देश विदेश से लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं. यदि आप इस सौभाग्य से अब तक वंचित रह गए तो चिंता की बात नहीं, हम आपकी सुविधा के लिए आज का लाइव दर्शन लेकर आए हैं.

संपूर्ण ब्रह्मांड के स्वामी भगवान श्रीराम अपने भक्तों को रोज अलग अलग रूप और स्वरुप में दर्शन देते हैं. इसी परंपरा के तहत आज शनिवार को भी भगवान का भव्य और दिव्य श्रृंगार किया गया था. भगवान की सेवा और श्रृंगार के लिए के लिए दिल्ली से मंगाई गई फूलों की माला उनके गले में गजब सुशोभित हो रही थी. वहीं मंदिर के पुजारियों ने जब उनकी दिव्य आरती शुरू की तो वह दृष्य देखने लायक था. इस मौके पर मंदिर में मौजूद भक्त भाव विभोर हो उठे.

सुबह साढ़े छह बजे पहली आरती

प्रभु श्रीराम की पहली आरती जिसे श्रृंगार आरती कहते हैं, वह रोजाना सुबह 6.30 बजे होती है. यह आरती रामलला को जागने के बाद पूजन और श्रृंगार के साथ शुरू होती है. इसके बाद भगवान को विशेष किस्म का लेप लगाया जाता है और फिर स्नान कराने के बाद उन्हें वस्त्र और अलंकार धारण कराए जाते हैं. मंदिर प्रबंधन के मुताबिक भगवान राम को मौसम और दिन के हिसाब से वस्त्र पहनाए जाते हैं. वहीं भोग प्रसाद की व्यवस्था भी प्रकृति के अनुरूप होती है.

भोग आरती दोपहर 12 बजे

भगवान श्रीराम की भोग आरती का आयोजन रोजाना दोपहर 12 बजे आयोजित किया जाता है. इसके बाद शाम को साढ़े सात बजे संध्या आरती होती है. इसी क्रम में भगवान को रात में 8.30 बजे शयन आरती के बाद सुलाया जाता है. हालांकि भक्तों को रामलला के दर्शन 7.30 बजे तक ही होते हैं. मंदिर के नियम के मुताबिक रामलला को रोजाना चार समय भोग लगता है. यह भोग प्रसाद राम मंदिर की रसोई में बनता है.