गहना नहीं कट्टा दो… क्षत्रिय महासभा का फरमान, बोले- बेटियों की सुरक्षा के लिए रिवॉल्वर जरूरी

उत्तर प्रदेश के बागपत में हुई ठाकुरों की महापंचायत में बेटियों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा फैसला हुआ है. पंचायत ने शादी में बेटियों को अपनी सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भर बनाने की बात कहते हुए उन्हें रिवॉल्वर या कट्टा देने की बात कही गई है. इस फैसले पर पंचायत में मौजूद सभी लोगों ने सहमति जताई है.

महापंचायत में शपथ लेते ठाकुर समाज के लोग Image Credit:

उत्तर प्रदेश के बागपत में हुई ठाकुरों की महापंचायत में अनोखा फैसला लिया गया है. बेटियों की सुरक्षा को लेकर आयोजित इस पंचायत में सार्वजनिक तौर पर बेटियों को शादी में गिफ्ट के तौर पर रिवॉल्वर देने का ऐलान किया गया. कहा गया कि रिवॉल्वर थोड़ा महंगा है. यदि ये नहीं दे सकते हो तो कट्टा या तलवार ही दे दो, लेकिन उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए कोई ना कोई हथियार जरूर दो. तर्क दिया गया कि पुराने जमाने में ससुराल जाते समय बेटियों को हथियार दिया जाता था. अब ये परंपरा बंद हो चुकी है, लेकिन समय की मांग यही है कि इस परंपरा को दोबारा से शुरू किया जाए.

अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा के अध्यक्ष कुंवर अजय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में यह महा पंचायत बागपत के गौरीपुर मितली गांव में आयोजित हुई थी. इस केसरिया महापंचायत में ठाकुर समाज के बड़ी संख्या में मूर्धन्य लोग मौजूद थे. इस दौरान बेटियों की सुरक्षा को लेकर गहन विचार विमर्श किया गया. इसके बाद मंच से क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष ठाकुर कुंवर अजय प्रताप सिंह ने यह ऐलान किया. कहा कि हम पुरानी और गौरवशाली परंपराओं को भूलते जा रहे हैं. यह बेहद चिंता का विषय है.

हथियार देने की है पुरानी परंपरा

उन्होंने कहा कि पहले बेटी का कन्यादान करते समय ही उसे आत्मरक्षा के लिए हथियार दिया जाता था. हालांकि पहले इतना खराब माहौल नहीं था. उन्होंने कहा कि बदले जमाने में कन्यादान में बेटियों को खूब सोना-चांदी और नकदी दी जा रही है. यह ठीक है, लेकिन इससे ना तो उनकी घर में सुरक्षा हो सकती है और ना ही घर के बाहर. यदि कोई बेटी सोना पहनकर बाजार में निकलेगी तो वह लुट जाएगी. चोर-उचक्के नहीं छोड़ेंगे. इसलिए जरूरी है कि बेटी को सोना-चांदी दो या न दो, लेकिन कटार, तलवार या रिवॉल्वर जरूर दो. रिवॉल्वर महंगा लगे तो कट्टा ही दे दो.

बेटियों के मिले आत्मरक्षा की ट्रेनिंग

कुंवर अजय प्रताप सिंह ने कहा कि मौजूदा दौर के हालात को देखते हुए बेटियों को आत्मरक्षा के लिए सक्षम बनाना होगा. हम बेटों को जिस तरह ताकत देते हैं, आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देते हैं, ठीक उसी प्रकार से बेटियों को भी ट्रेंड करने की जरूरत है. बेटियों को भी सशक्त बनाना होगा. उन्होंने समाज से इस कार्य को प्राथमिकता से लेने का आह्वान किया.इस महापंचायत में पहुंचे तमाम लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया और अपनी सहमति दी. कहा कि बेटी हमारी है तो उसकी सुरक्षा भी हमारी जिम्मेदारी है.