‘मोहम्मद के नाम पर मौत भी कबूल…’ बरेली में बवाल पर मौलाना तौकीर ने क्यों लिया अतीक-अशरफ का नाम?
बरेली में मौलाना तौकीर रजा खां के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद हिंसा भड़क गई. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 50 से अधिक उपद्रवियों को गिरफ्तार किया और मौलाना पर NSA लगाने की तैयारी है. मौलाना ने खुद को साजिश का शिकार बताते हुए आरोपों को खारिज किया है. इससे शहर में तनाव बढ़ गया है.
बरेली में बवाल को लेकर आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा खां ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि चाहें तो अतीक और अशरफ की तरह उन्हें भी गोली मार दें, उन्हें मोहम्मद के नाम पर मौत भी कबूल है. उन्होंने कहा कि वह नजरबंद हैं और उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा. आशंका जताई कि जल्द ही उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है. उन्होंने इस घटनाक्रम के पीछे बड़ी साजिश बताया. कहा कि मुसलमानों को बदनाम किया जा रहा है और इसके लिए उनके नाम से झूठे बयान जारी किए जा रहे हैं.
मौलाना ने कहा कि हमें रसूल का नाम लेने से भी रोका जा रहा है. यह पूरा मामला एकतरफा है और मुसलमानों पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं. हम नमाज़ पढ़ते रहे, लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते रहे, लेकिन हमें झूठे बयानों से बदनाम किया गया. इसी के साथ उन्होंने चेतावनी दी कि यह मामला जितना दबाने की कोशिश की जाएगी, उतना ही ज्यादा सामने आएगा. कहा कि बरेली में मुसलमानों ने नहीं, बल्कि पुलिस-प्रशासन ने माहौल खराब किया है. उन्होंने कहा कि ऐसा ही रहा तो और हालात और बिगड़ेंगे.
10 पुलिसकर्मी घायल
मौलाना तौकीर रजा ने अपने समर्थकों और मुसलमानों को मुबारकबाद दी. कहा कि वह मोहब्बत-ए-रसूल के नाम पर खड़े हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद हरकत में आई पुलिस ने उन्हें देर रात किसी दूसरी जगह पहुंचा दिया है. इसके चलते बरेली में तनाव और बढ़ गया है. दूसरी ओर, इस बवाल में अब तक 10 पुलिसकर्मियों के घायल होने और 50 से ज्यादा उपद्रवियों के गिरफ्तार होने की खबर आई है. इसी क्रम में मौलाना तौकीर रजा पर एनएसए लगाने की भी तैयारी है.
बता दें कि बरेली में जुमे की नमाज के बाद हालात बिगड़ गए थे. देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और बाजारों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. भीड़ ने जगह-जगह रोडवेज बसों को रोक लिया और बच्चों को आगे करके सुरक्षा घेरे को तोड़ने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस ने हालात संभालने की कोशिश की, लेकिन इस उप्रद्रव में 10 पुलिसकर्मी घायल भी हो गए. हालात को दखेते हुए अब पुलिस और प्रशासन पूरी सख्ती के मूड में है.
ऐसे बिगड़ा माहौल
इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने 19 सितंबर को विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि शुक्रवार को इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान से विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति के नाम डीएम को ज्ञापन सौंपने की भी बात की थी, लेकिन प्रशासन ने इस प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं दी. इसी बीच गुरुवार की आधी रात पुलिस ने आईएमसी की ओर से जारी पत्र सार्वजनिक किया. इसमें कार्यक्रम स्थगित करने की सूचना थी. हालांकि अगले ही दिन सुबह मौलाना तौकीर ने वीडियो जारी कर उस पत्र को फर्जी बताया और साफ कर दिया कि विरोध पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होगा.
भीड़ बेकाबू ने किया पुलिस पर पथराव
शुक्रवार दोपहर साढ़े तीन बजे तक मौलाना खुद सामने नहीं आए. इंतजार से बेचैन भीड़ नौमहला मस्जिद से नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ने लगी और खलील स्कूल तिराहे पर पहुंचते ही युवकों ने दुकानों और वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी. खबर मिलते ही डीआईजी अजय कुमार साहनी और एसपी सिटी मानुष पारीक मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की. लेकिन, भीड़ ने पुलिस पर ही पथराव शुरू कर दिया. हालात बिगड़ते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.इस दौरान श्यामगंज इलाके में उपद्रवियों ने भी पथराव और फायरिंग की, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए.
बाराबंकी में भी बदला माहौल
‘आई लव मोहम्मद’ लिखे बैनर और पोस्टर का विवाद बरेली ही नहीं, प्रदेश के कई हिस्सों तक पहुंच गया है. शुक्रवार की रात बाराबंकी के फैजुल्लागंज गांव से भी इसी मुद्दे पर बड़ा बवाल हुआ. यहां जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के इसी तरह का बैनर फैजुल्लागंज गांव में लगाया गया. गांव के चौकीदार धन्नी ने इसे नीचे गिरा दिया. इसके बाद समुदाय विशेष के लोग मौके पर इकट्ठा हो गए और बवाल शुरू हो गया. सूचना मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे. इस दौरान पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में भी लिया है. देर रात पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय भी गांव पहुंचे और मौके पर भारी संख्या में पीएसी की तैनाती करा दी है. फिलहाल पूरा गांव छावनी में तब्दील है.