फौजी, प्रेमी जोडे, UPSC एस्पिरेंट… बिजनौर में नहीं थम रही आत्महत्याएं; 1 महीने में 25 मौतें

बिजनौर में आत्महत्याओं का alarming आंकड़ा चिंताजनक है. एक महीने में 25 से अधिक मौतें दर्ज हुईं, और जनवरी से नवंबर 2025 तक कुल 197 आत्महत्याएं. प्रेम संबंध, घरेलू कलह, कर्ज, बेरोजगारी, परीक्षा असफलता, और बीमारियां मुख्य कारण हैं.

बिजनौर में आत्महत्या का बढ़ता संकट!

बिजनौर जिले में बढ़ती आत्महत्या के मामलों ने एक नया सवाल खड़ा कर दिया है. इस जिले में पिछले एक महीने में पच्चीस से ज्यादा लोग आत्महत्या कर जान गंवा चुके हैं. इसका मतलब साफ है बिजनौर में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. कोई गंगा में छलांग लगा कर मौत को गले लगा रहा है. तो कोई प्रेम संबंध, घरेलू कलह, कर्ज और परीक्षा में असफलता के कारण मौत को चुन रहा है.

बिजनौर में रविवार को मंडावर के मोंहडिया गांव में पच्चीस साल की मां ने अपने बेटे को जहर देकर खुद भी जहर खा कर जान दे दी. पंद्रह दिन पहले महिला के पति मोनू ने भी जहर खा कर जान दे दी थी. आखिर जरा सी परेशानी आते ही क्यों अनमोल जिंदगी को छोड़ मौत को गले लगा रहे है लोग?

UPSC एस्पिरेंट ने बैराजपुल से कुदकर दी जान

पांच दिन पहले बीते बुधवार को एक प्रेमी जोड़े निखिल और चंचल ने घरवालों के शादी करने से इंकार करने पर एक ही रस्सी के फंदे से फांसी लगा कर जान दे दी. वहीं बेतहाशा कर्ज में डूबे राहुल सैनी ने जो तीस साल का युवक था ट्रेन के आगे कटकर जान दे दी. इतना ही नहीं IIT ग्रेजुएट ललिता रानी ने भी बैराजपुल से गंगा नदी में छलांग लगा कर जीवन त्याग दिया.

ललिता रानी ने तीन बार यूपीएससी का एग्जाम दिया, लेकिन दुर्भाग्यवश उसका सलेक्शन नहीं हो पाया. इससे नाराज होकर वह बैराजपुल से कुदकर गंगा नदी में जान दे दी. गुरुवार को सोहित नाम के मेडिकल व्यवसायी ने सिर में गोली मार कर जान दे दी. इससे कुछ दिन पहले एक फौजी ने अपने दो साल के बेटे के साथ गंगा में कूद कर आत्महत्या कर ली.

फौजी ने 2 साल के बेटे के साथ गंगा में लगाई छलांग

फौजी पति और बेटे की बिमारी से परेशान सत्ताइस साल की मनीषा ठाकुर ने गंगा में कूद कर जान दे दी थी. तो पांच दिन बाद फौजी पति राहुल भी अपने दो साल के बेटे के साथ मौत कबूल कर ली. राहुल भी उसी जगह से गंगा में कूद कर डूब गया जहां से मनीषा ने मौत की छलांग लगाई थी. बिजनौर में आत्महत्याओं का आंकड़ा काफी डरावना है.

17 प्रेम में नाकाम, 12 गरीबी और कर्ज से थे पीड़ित

बिजनौर में आत्महत्याओं का रिकार्ड खंगालने से पता चला है कि 1 जनवरी 2025 से नौ नवंबर 2025 तक 197 सुसाइड दर्ज है. बीते जून से अक्टूबर तक पांच महीनों में 127 लोग आत्महत्या कर जान गंवा चुके हैं. आत्महत्या करने वालो में सरकारी अधिकारी, गृहणी, व्यापारी, छात्र, किसान और मजदूर, कुंवारे, शादीशुदा और बेरोजगार सभी वर्ग के लोग शामिल हैं.

बिजनौर में जान देने वाले 17 मामले प्रेम में नाकाम प्रेमी युगलों के, 15 केस घरेलू कलह क्लेश की वजह से, 12 मामले गरीबी और कर्ज से पिड़ित, 10 केस एकतरफा प्यार में दीवानेपन की वजह से, 9 केस परीक्षा के रिजल्ट में फेल होने की वजह, 7 केसो में शराब की लत के कारण, 6 मामले प्रतियोगी परीक्षाओं में सलेक्शन नहीं होने के कारण शामिल है.

जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं

वहीं, 5 मामलों में गंभीर बिमारियों से छुटकारा पाने की वजह से जीवन लीला समाप्त करने के कारण सामने आये है. जबकि 12 मामले ऐसे हैं जिनमें बेरोजगारी और आर्थिक तंगी जान गंवाने का कारण बनी है. बिजनौर की डीएम जसजीत कौर के मुताबिक जिंदगी में हल्के फुल्के उतार-चढाव आते जाते रहते हैं. इसका मतलब यह नहीं की जान गंवा दी जाए.

जिला प्रशासन और मनोचिकित्सक जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने व समस्याओं का समाधान खोजने की सलाह देते हैं. प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डा. प्रीति चौहान के मुताबिक अगर व्यक्ति रोजाना 3 से 4 लीटर पानी पी रहा है तो उसके शरीर में आक्सीजन का प्रवाह ठीक रहेगा. मन शांत रहेगा, उनके शरीर में नकारात्मक विचार कम बनते हैं.