जाति का झगड़ा या कुछ और… क्या है कथा विवाद की मूल वजह? जानें शुरू से आखिर तक कब-क्या हुआ
इटावा के दादरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान शुरू हुआ विवाद जातीय हिंसा और राजनीति में बदल गया. कथा वाचक मुकुट मणि यादव पर गलत तरीके से अनुष्ठान करने और देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप है. उनकी जाति और कथित छेड़छाड़ ने विवाद को और बढ़ा दिया. फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

उत्तर प्रदेश में इटावा का दादरपुर गांव इस समय सुर्खियों में है. यही वो गांव है जहां बीते 21 जून को श्रीमद भागवत कथा के दौरान शुरू हुआ विवाद जातीय हिंसा और राजनीतिक संघर्ष का रूप ले चुका है. बल्कि अब इस विवाद के मूल मुद्दे की तो चर्चा ही नहीं हो रही. चर्चा हो रही तो केवल भागवताचार्य की, उनकी जाति की और अन्य दूसरे आरोपों की. लेकिन इस प्रसंग में हम मूल मुद्दे की चर्चा करेंगे और यह जानने की कोशिश करेंगे कि यह विवाद हुआ ही क्यों?
इस विवाद को जानने से पहले इसकी पृष्ठभूमि को समझ लेना चाहिए. दरअसल गांव में कथा सुनाने आए मुकुट मणि यादव की पहचान ब्राह्मण बाहुल्य इस गांव में रहने वाले पाठक बाबा और पप्पू बाबा नामक व्यक्ति के साथ थी. ये दोनों अक्सर कथा सुनने जाया करते थे. संयोग से इसी गांव में रहने वाली रेनू तिवारी और उनके पति को भागवत सुनने की इच्छा हुई तो उन्होंने पाठक बाबा से संपर्क किया. इसके बाद पाठक बाबा और पप्पू बाबा ने मुकुट मणि यादव की बुकिंग कर ली. तय हुआ कि 21 जून को कलश यात्रा होगी, उसी दिन भागवत महात्म्य सुनाया जाएगा और 22 जून से 7 दिवसीय श्रीमद भागवत की कथा होगी.
पहले ही दिन हो गया बवाल
इसके लिए पांडाल लग गया, सारी तैयारियां हो गईं और नियत समय पर वहां पहुंच कर मुकुट मणि यादव ने कार्यक्रम भी शुरू कर दिया. इसके लिए पहले कलश यात्रा निकाली गई. आरोप है कि इस दौरान मुकुट मणि ने भागवत का जो अनुष्ठान कराया, उसकी विधि सही नहीं थी. मंत्रोंच्चार भी अशुद्ध था. इसे देख और सुनकर आयोजकों ने आपत्ति की, लेकिन उस समय मामला संभाल लिया गया. फिर जैसे तैसे कलश यात्रा संपन्न हुई और फिर भागवत महात्म्य शुरू हुआ. आरोप है कि इस दौरान मुकुट मणि ने बजरंग बली को लेकर भी एक आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी. आरोप यह भी है कि रात में भोजन परोसते वक्त मुकुट मणि ने रेनू तिवारी का हाथ गलत तरीके से छुआ. रेनू तिवारी ने भी तुरंत इसकी जानकारी अपने पति को दी और फिर लोगों में इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई.
मुकुट मणि के पास नहीं थी आचार्य की डिग्री
चूंकि गांव ब्राह्मणों का था, इसलिए ज्यादातर लोग अनुष्ठान विधि जानते थे. इसलिए लोगों को आभाष हो गया कि ये कथा वाचक मुकुट मणि कोई फर्जी आचार्य है. इसके बाद देर शाम गांव के लोग इकट्ठा होकर इनके पास गए और पूछा कि आप लोग कितने पढ़े लिखे हैं? क्या आपने आचार्य की पढ़ाई की है? आपकी जाति क्या है? ये तीनों सवाल सुनकर मुकुट मणि और उसके साथी संत यादव की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई. जब संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो आयोजकों ने उनसे आधार कार्ड मांगे. इसमें पता चला कि दोनों यादव है और जाति व पहचान छुपाकर भागवताचार्य बने हुए हैं. वहीं, दोनों के पास आचार्य की डिग्री भी नहीं थी, बल्कि मुख्य कथा वाचक मुकुट मणि ने बॉयोलॉजी से बीएससी तक की पढ़ाई की थी.
नौकरी छूटी तो करने लगा प्रवचन
इसी पूछताछ में पता चला कि मुकुट मणि पहले टीचर था. कोरोना के दौरान हुए लॉकडाउन में नौकरी छूट गई तो उसने कथा कहने का धंधा शुरू कर दिया. इसमें अच्छी कमाई होने लगी तो लॉकडाउन खत्म होने के बाद उसने विधिवत कथा मंडली बना ली. चूंकि भागवत महात्म्य में ही वर्णन आता है कि कथा कौन कह सकता है. खुद मुकुट मणि ने भी इस प्रसंग का व्याख्यान सुनाते हुए कहा था कि योग विप्र को ही व्यास पीठ पर बैठाना चाहिए. अब यहां स्थिति उल्टी हो गई.
सोशल मीडिया में वायरल हुए कई वीडियो
खुद मुकुट मणि ही ना तो योग्य पाया गया और ना ही विप्र, उल्टे उसने बजरंग बली पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी. रही सही कसर परीक्षित बनी महिला के साथ छेड़छाड़ ने पूरी कर दी. इसे लोग उग्र हो गए. आरोप है कि उन्हें धक्का मारते हुए गांव से बाहर लाया गया और सिर मुंड़वा दिया. इस घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए. जिन्हें देखने के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी इस विवाद में कूद पड़े.
अब मुकुट मणि का दावा- छोड़ चुके हैं जाति
वहीं, अखिलेश यादव का समर्थन मिलते ही मुकुट मणि ने भी मीडिया और पुलिस के सामने बयान दिया कि उसे यादव होने की वजह से पीटा गया. इसकी वजह से यह पूरा मामला राजनीतिक रूप ले लिया. हालांकि गुरुवार को ही मुकुट मणि ने फिर बयान दिया है. इसमें कहा है कि वह जाति बंधन को छोड़ चुके हैं. उनका जन्म यादव वंश में तो हुआ है, लेकिन वह 14 साल पहले ही अपनी जाति को छोड़ चुके हैं. हालांकि पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस इन दोनों ही मुकदमों की जांच अलग अलग कर रही है.