केवल 15 बिस्‍वा जमीन वक्‍फ की, मकबरे के नाम पर घेर रखा था 11 बीघे; सामने आई 75 पेज की जांच रिपोर्ट

फ़तेहपुर में मकबरे के नाम पर 11 बीघा ज़मीन के विवाद में राजस्‍व विभाग की 75 पेज की जांच रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि विवादित ज़मीन में से केवल 15 बिस्वा ही वक़्फ़ की ज़मीन है. यह रिपोर्ट राजस्व विभाग ने मंडलायुक्त प्रयागराज को सौंपी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी रिपोर्ट मांगी है.

फतेहपुर मकबरा विवाद

उत्‍तर प्रदेश के फतेहपुर में मकबर को लेकर हुए बवाल के बाद जांच रिपोर्ट सामने आ गई है. 75 पेज की इस जांच रिपोर्ट में दावा किया गया है क‍ि विवादित 11 बीघे जमीन में से महज 15 बिस्‍वा जमीन ही वक्‍फ की है. राजस्‍व विभाग ने पूरी जांच रिपोर्ट मंडलायुक्‍त प्रयागराज को सौंप दी है. उधर, मामले की गंभीरता और हो रहे बवाल को देखते हुए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍य नाथ ने भी रिपोर्ट तलब की है. इसके बाद से जिले के अफसरों में हड़कंप मच गया है.

राजस्‍व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक विवाद सामने आने के बाद ही मंडलायुक्‍त ने जांच के आदेश दिए थे. उनके आदेश पर ही व‍िभाग ने रिपोर्ट बनाई है. इस 11 बीघे विवादित भूमि की जांच रिपोर्ट राजस्‍व विभाग ने 75 पेज में बनाई है इसमें खासतौर पर गाटा संख्या 753 पर बने मकबरे को फोकस किया गया है. राजस्‍व विभाग ने पूरी घटना का जिक्र करते हुए बताया है क‍ि इसमें केवल 15 बिस्‍वा जमीन ही वक्‍फ के नाम है.

पुलिस ने घेर रखा है एरिया

सदर कोतवाली क्षेत्र के अबूनगर रेडय्या स्थित भूखंड संख्या 753, जिसपर नवाब अब्दुल समद मकबरा बना है, उसे हिन्‍दू संगठन और बीजेपी के जिलाध्‍यक्ष मंदिर की जमीन बता रहे हैं. मकबरे को भी पूर्व में ठाकुरद्वारा मंदिर होने का दावा करते हुए डीएम को ज्ञापन दिया था. इसमें पूजा की अनुमति देने की मांग की थी. इसके बाद यहां बड़ा बवाल भी हुआ. इसे देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस ने मकबरे के 100 मीटर के दायरे में बैरिकेडिंग लगाकर पूरा एरिया घेर लिया है. इस घेराबंदी के बावजूद 11 अगस्त को लोग मकबरे पर चढ़ कर भगवा झंडा लगा दिए थे. यही नहीं, मकबरे में तोड़फोड़ भी की थी.

इन अधिकारियों ने बनाई रिपोर्ट

अति संवेदनशील माने जा रहे इस मामले की जांच रिपोर्ट तैयार करने के लिए 3 एडीएम रैंक व 4 एसडीएम के अलावा 2 तहसीलदार व 3 नायब तहसीलदार के अलावा 10 अधिकरियों तथा 15 लेखपालों की टीम को लगाया गया था. इस टीम ने अब अपनी जांच रिपोर्ट मंडलायुक्‍त को सौंप दी है. इसमें चकबंदी की स्‍थ‍ित‍ि, चकबंदी से पहले इस जमीन की स्‍थ‍िति और मालिकाना हक के अलावा मकबरे का विवरण शामिल है. इस जांच में जमीन के मालिकाना हक और वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों में विसंगतियां पाई गई हैं. अब मंडलायुक्‍त इस रिपोर्ट को मुख्‍यमंत्री कार्यालय भेजेंगे.

रिपोर्ट: महेश सिंह, फतेहपुर