लोगों की जान बचाई, प्रेग्नेंट महिला की डिलीवरी कराई; ऑपरेशन सागर बंधु में ‘लंका विजय’ कर लौटी NDRF
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने श्रीलंका में 'ऑप्स सागर बंधु' अभियान सफलतापूर्वक पूरा किया. 80 सदस्यीय टीम ने 144 श्रीलंकाई नागरिकों को बचाया, जिसमें वृद्ध, बच्चे और गर्भवती महिलाएं शामिल थीं. टीम ने राहत सामग्री पहुंचाई, दूषित जलकूपों को साफ किया और एक गर्भवती महिला की सुरक्षित डिलीवरी भी करवाई. यह मिशन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में मानवीय सहायता का उत्कृष्ट उदाहरण है.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम पड़ोसी देश श्रीलंका में ‘ऑप्स सागर बंधु’ सफलतापूर्वक पूरा कर भारत लौट आई है. एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन गाजियाबाद की यह टीम पड़ोसी देश श्रीलंका में बने आपाति स्थिति में मदद के लिए गई थी. श्रीलंका से लौटने के बाद एनडीआरएफ के कमांडेंट प्रवीण कुमार तिवारी ने मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने आपात स्थिति के दौरान श्रीलंका में बने हालात और राहत कार्य में आईं चुनौतियों को सांझा किया.
उन्होंने बताया कि उनके नेतृत्व में एनडीआरएफ की 80 सदस्यीय टीम श्रीलंका पहुंची थी. इस टीम ने श्रीलंका की धरती पर उतरे ही राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया और समय रहते प्रभावी कार्रवाई करते हुए लोगों की प्राण रक्षा की. इस टीम ने वहां के स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर प्रभावित क्षेत्रों में फंसे नागरिकों का सुरक्षित बाहर निकला. इसके बाद उन्हें प्राथमिक उपचार और अन्य आवश्यक मानवीय सहायता दी. उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में एनडीआरएफ ने कुल 66 लोगों का रेस्क्यू किया है.
देवदूत बन गई एनडीआरएफ
एनडीआरएफ टीम में शामिल अधिकारियों के मुताबिक मुसीबत की उस घड़ी में ज्यादातर दृष्टिहीन वृद्ध, गर्भवती महिलाएं, नवजात शिशु, बुजुर्ग और कई अक्षम परिवारों के लोग फंसे थे. इन सभी लोगों के लिए एनडीआरएफ की टीम देवदूत बनकर उतरी थी. इस टीम ने वहां पहुंचने के बाद कुछ घंटे के अंदर ही बाढ़ में फंसे 78 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया. वहीं 66 लोगों की प्राण रक्षा की. इस प्रकार कुल 144 श्रीलंकाई नागरिकों के लिए एनडीआरएफ जीवन रक्षक बन गई.
शव और पशु भी निकाले
इस ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ ने सैकड़ों पशुओं का भी रेस्क्यू किया है. इसके अलावा इस परिस्थिति में मौत के शिकार हुए कई लोगों के शव भी ढूंढकर उनके परिजनों को उपलब्ध कराए. इस ऑपरेशन में एनडीआरएफ के डॉग्स ने शानदार प्रदर्शन किया. इन डॉग्स ने मलबे में दबे शवों को भी ढूंढकर निकाल दिया. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू के साथ ही टीम ने वहां राहत कार्य भी किया. इसमें 1800 लोगों तक भोजन, राशन और स्वच्छ पेयजल पहुंचाया. यही नहीं, बाढ से दूषित हो चुके कई जलकूपों की सफाई कर उन्हें फिर से पीने योग्य बनाया गया है.
प्रेग्नेंट महिला की डिलीवरी भी कराई
DG NDRF पीयूष आनंद ने कमांडेंट प्रवीण कुमार तिवारी के नेतृत्व वाली की सराहना करते हुए कहा कि इस टीम ने कठिन परिस्थितियों में भी शानदार काम किया है. इस ऑपरेशन के दौरान कई लोग जो जख्मी हालत में मिले, इस टीम ने मौके पर उन्हें प्राथमिक उपचार दी. यहां तक कि प्रसव पीड़ा से ग्रस्त एक प्रेग्नेंट महिला की सुरक्षित डिलीवरी भी कराई. उन्होंने कहा कि वहां ना केवल जगह नई थी, बल्कि भाषा भी समझ नहीं आ रही थी. बावजूद इसके एनडीआरएफ की टीम का यह प्रदर्शन काबिले तारीफ है.
